Bihar: पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और ओडिशा के बाद बिहार के लोग देश में सबसे ज्यादा देश मांसाहार का सेवन करते हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक बिहार के 88.07 फीसदी लोग नॉन-वेज खाते हैं. यानी हर 10 में से लगभग 9 लोग यहां नॉन-वेज खाते हैं. लेकिन यहां के गया जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां के लोग पिछले 300 वर्षों से मीट, मांस या अंडा का सेवन नहीं कर रहे हैं.
आने वाली बहू भी हो जाती है निरामिष
बिहार के गया में स्थित इस गांव का नाम बिहिआइन है. सैकड़ों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है. औरत हो या मर्द, बुजुर्ग हो या युवा, गांव में रहने वाला हर आदमी इस परंपरा को पूरी ईमानदारी से निभाते आ रहा है. इस परंपरा को आगे बढ़ाने में नई बहू भी पीछे नहीं रहती हैं. यहां आते ही वो निरामिष हो जाती हैं. लगभग 400 लोगों की आबादी वाला यह गांव पूरी तरह वैष्णव है.
कारण जानिए
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस गांव में ब्रह्म बाबा विराजमान हैं. मान्यता है कि एक बार गांव के किसी व्यक्ति के ऊपर ब्रह्म बाबा आ गए थे. ब्रह्म बाबा उस व्यक्ति को उसके किसी पाप का दंड देने के लिए आये थे. इसके बाद लोगों ने बाबा की खूब पूजा की, तब जाकर उन्होंने कहा कि शराब और मांसाहार का त्याग कर दो. तभी से यहां के लोगों ने मांस और शराब का सेवन नहीं करने की शपथ ली. मान्यता है कि 300 साल से भी अधिक समय से यहां ब्रह्म बाबा का पिंड स्थान है. ब्रह्म बाबा बिहिआइन गांव के लोगों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं.
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