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कोकना मजहरी का था मारा गया नक्सली
डुमरिया : भाकपा माओवादियों द्वारा मारे गये अपने ही साथी संजय सिंह भोक्ता उर्फ लक्ष्मण भोक्ता के पैतृक गांव की पहचान पुलिस द्वारा कर ली गयी है. वह बीते छह माह से घर नहीं लौटा था. छकरबंधा एसएचओ पवन कुमार ने बताया कि थानाक्षेत्र के कोकना मजहरी गांव के रहनेवाले कामेश्वर सिंह भोक्ता के पुत्र […]
डुमरिया : भाकपा माओवादियों द्वारा मारे गये अपने ही साथी संजय सिंह भोक्ता उर्फ लक्ष्मण भोक्ता के पैतृक गांव की पहचान पुलिस द्वारा कर ली गयी है. वह बीते छह माह से घर नहीं लौटा था.
छकरबंधा एसएचओ पवन कुमार ने बताया कि थानाक्षेत्र के कोकना मजहरी गांव के रहनेवाले कामेश्वर सिंह भोक्ता के पुत्र के रूप में की गयी है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के पिता के अनुसार संजय बीते छह माह से घर नहीं आया था. वह बीते छह माह से इधर–उधर ही रह रहा था. उन्होंने पुलिस को बताया कि संजय जब कभी भी घर आया करता था, तब परिजन उसे काफी समझाया-बुझाया करते थे. लेकिन, वह किसी की एक न सुनता था. अाखिरकार वह अपने ही साथियों की गोली का शिकार बन गया. गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को माओवादियों ने संजय की हत्या कर सोइयाटांड जंगल में उसके शव को फेंक दिया था.
लेवी वसूलने के लिए भेजा था बुलावा
थानाध्यक्ष अमरदीप कुमार ने बताया कि व्यवसायी व ठेकेदारों से लेवी वसूलने के लिए कुबड़ी के जंगली इलाके में लोगों को बुलाया गया था. सूत्रों का कहना है कि विगत एक सप्ताह से कुबड़ी के आसपास के जंगलों में प्रतीक सहित अन्य साथी ठहर कर लेवी वसूलने का काम कर रहे थे. लेवी नहीं देने पर कुछ ईंट भट्ठेदारों के साथ मारपीट की घटना काे भी प्रतीक ने अंजाम दिया था. इन दोनों नक्सलियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद ठेकेदारों व व्यवसायियों ने राहत की सांस ली है.
कई थानों में दर्ज हैं आपराधिक मामले
पुलिस ने बताया कि टीपीसी के हार्डकोर सदस्य प्रतीक पर औरंगाबाद जिले के मदनपुर, कासमां सहित गया जिले के इमामगंज, बांकेबाजार, शेरघाटी, डोभी, गुरारू, परैया, कोतवाली सहित कई थानों में दर्जनों नक्सली अापराधिक मामले दर्ज हैं.
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