उप विकास पदाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विगत 15 जून को भेजे पत्र में पांच लाख से ऊपरवाले रंगाई-छपाई सह पावरलूम कारखानों को जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम 1974, वायु प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत बोर्ड से एनओसी लेने को कहा था. इस एनओसी का सत्यापन पांच साल में एक बार कराना अनिवार्य है, लेकिन किसी कारखाना मालिक ने इस नियम का पालन नहीं किया. पत्र में कहा गया है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन कारखानों का संचालन बंद करने का आदेश जारी किया है, क्योंकि यहां के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
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36 पावरलूम व आठ रंगाई-छपाई कारखानाें के मालिकों को नोटिस
मानपुर/गया: पटवाटोली इलाके में रंगाई कारखानों से निकलनेवाले केमिकलयुक्त पानी से प्रदूषण को लेकर हस्तकरघा सघन विकास योजना के उप विकास पदाधिकारी (वस्त्र) अशोक कुमार ने 36 पावरलूम व आठ रंगाई-छपाई कारखानाें के मालिकों को नोटिस भेजा है. उप विकास पदाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विगत […]
मानपुर/गया: पटवाटोली इलाके में रंगाई कारखानों से निकलनेवाले केमिकलयुक्त पानी से प्रदूषण को लेकर हस्तकरघा सघन विकास योजना के उप विकास पदाधिकारी (वस्त्र) अशोक कुमार ने 36 पावरलूम व आठ रंगाई-छपाई कारखानाें के मालिकों को नोटिस भेजा है.
इस संबंध में बुनकर नेता गोपाल पटवा ने कहा कि उद्योग बंद करने से यहां के लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिलेगा, बल्कि इसके स्थायी समाधान पर विचार करना हाेगा. वार्ड नंबर 47 की पार्षद ने कभी शुद्ध पानी के लिए पहल नहीं की. सिर्फ पावरलूम बंद करने का ध्यान है. श्री पटवा ने कहा कि नगर आयुक्त से मिल कर पंचायती अखाड़ा बोरिंग से पाइपलाइन विस्तार कर पानी सप्लाइ देने की मांग की गयी है. इस बाबत लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आंकड़े दिये गये हैं.
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