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समाजवादी व जनतांत्रिक सोच से सुधरेगी पैक्सों की स्थिति

कहा-हर पंचायत में एक पैक्स को मॉडल बनाने की हो रही कोशिश गया : समाजवादी व जनतांत्रिक सोच के सहारे ही पैक्सों की स्थिति सुधारने की पहल होगी. विपक्षी दल किसानों की समस्या को लेकर हाय-तौबा कर रहे हैं, जबकि किसानों से धान खरीद के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए […]

कहा-हर पंचायत में एक पैक्स को मॉडल बनाने की हो रही कोशिश
गया : समाजवादी व जनतांत्रिक सोच के सहारे ही पैक्सों की स्थिति सुधारने की पहल होगी. विपक्षी दल किसानों की समस्या को लेकर हाय-तौबा कर रहे हैं, जबकि किसानों से धान खरीद के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है.
सिस्टम काे ठीक किया जा रहा है. इसमें पैक्स व व्यापार मंडल के अध्यक्षाें का अहम राेल है कि वे कैसे इस सिस्टम में बदलाव लाकर सरकार के साेच काे नया आयाम दें. उक्त बातें सूबे के सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को रेडक्रॉस भवन में द मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के वार्षिक आमसभा के उद्घाटन के माैके पर कही.
उन्होंने कहा कि सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधन से जुड़े लाेगाें व अध्यक्षाें को ट्रेनिंग देकर सहकारिता के कामकाज के तरीकों की जानकारी दी जायेगी. सभी पैक्स कार्यालयों को कंप्यूटराइज्ड किया जायेगा.
इस साेच के साथ काम करना होगा कि हर पंचायत का काेई एक पैक्स मॉडल हाे. इसके माध्यम से न केवल धान की खरीद हाेगी, बल्कि खाद की बिक्री भी हाेगी. जनवितरण प्रणाली की दुकान भी इसके अंदर हाेगी. कृषि यंत्र भी बेचे जायेंगे. एंबुलेंस की सुविधा हाेगी, ताकि पंचायत में जरूरत पड़े ताे मरीजाें काे सुविधा दी जा सके. उन्होंने केरल के पैक्स का हवाला देते हुए कहा कि आज केरल में पैक्स कार्यालयों के द्वारा सरकार को लोन दिया जाता है. ऐसा बिहार में क्याें नहीं हाे सकता?
बस जरूरत है साेच व भावनाओं को बदलने की. मंत्री ने कहा कि उद्देश्य पहले लघु व सीमांत किसानाें काे लाभ पहुंचाना है. उन्हाेंने धान खरीद कार्य में तेजी लाने का आह्वान किया. बिहार सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रमेश चंद्र चौबे ने कहा पैक्साें काे मिलनेवाला सीसी का ब्याज नाै से बढ़ाकर 11 प्रतिशत कर दिया जाये.
इससे आय बढ़ जायेगी. पैक्स कार्यालय कर सूबे में एक रंग करने की बात कही, जिससे कि दूर से ही पहचान की जा सके वह पैक्स कार्यालय है. द सेंट्रल काे-अॉपरेटिव बैंक, के अध्यक्ष उमेश वर्मा ने कहा कि गया में काे-अॉपरेटिव बैंक निरंतर प्रगति पर है. बैंक में जमा राशि में निरंतर वृद्धि हाे रही है. वर्ष 2012-13 में 3472.63 लाख, वर्ष 2013-14 में 4465.64 लाख व 2014-15 में 7908.70 लाख की वृद्धि हुई है. लेकिन, बैंक प्रबंधन इससे संतुष्ट नहीं है.
जमा राशि बढ़ाने के लिए ग्राहकाें काे आधुनिक सुविधा प्रदान करना होगा. इसकी तैयारी में बैंक जुट गया है. हालांकि इस माैके पर वैशाली को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष विशुनदेव राय जैसे ही बाेलने उठे पैक्स अध्यक्ष शाेरकरने लगे. वह मंत्री के सामने आ गये आैर सिस्टम काे लचीला बनाने की मांग करने लगे. सीसी का पैसा बढ़ाने की भी मांग रखी. उन्हाेंने कहा कि जिले में 12 चावल क्रय केंद्र खाेले जाने थे, पर अब तक एक ही खाेला गया है. इस पर मंत्री ने कहा कि बुधवार को जिले में चार क्रय केंद्र खोले गये.
वह अधिकारियाें से बात कर सिस्टम काे ठीक कराने की व्यवस्था कर रहे हैं. इस माैके पर औरंगाबाद को-आॅपरेटिव बैंक के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष अरविंद कुमार वर्मा, जिला सहकारिता पदाधिकारी यतिंद्र किशोर कुशवाहा, जिला पार्षद उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद यादव सहित अन्य माैजूद थे.

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