बारूदी सुरंग से पुलिस पर हमले की थी योजना : एसएसपीफोटो-गया-औरंगाबाद की सीमा पर चले 72 घंटे कांबिंग ऑपरेशन में पुलिस को मिली सफलतामाओवादी बंकर से मिल डेटोनेटर, कारतूस व विस्फोटक बरामदवरीय संवाददाता, गयाएसएसपी गरिमा मलिक ने सोमवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि 11 दिसंबर से लगातार 72 घंटे तक कोबरा, सीआरपीएफ, एसएसबी, एसटीएफ व जिला पुलिस के अधिकारियों व जवानों की संयुक्त कार्रवाई में बांकेबाजार थाने के डुमरी-मलुआ पहाड़ी स्थित माओवादी बंकर से डेटोनेटर, कारतूस व विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य सामान बरामद किये गये. माओवादियों की योजना थी कि बारुदी सुरंगाें के जरिये पुलिस पर हमला किया जाये, लेकिन उनकी यह योजना विफल कर दी गयी. एसएसपी ने बताया कि बरामद सामान रविवार की देर रात जवान जंगल से उतार कर गया शहर लाये. बरामद होनेवाले सामान में एक कट्टा, बारुदी सुरंग उड़ाने में प्रयुक्त होनेवाले 12 डेटोनेटर, 11 कारतूस, साढ़े चार मीटर कोडेक्स तार, एक पैकेट पावर जैल विस्फोटक, नौ मोबाइल फाेन, 21 सिम कार्ड, चार मेमोरी कार्ड, आठ नक्सली साहित्य, दो कंबल, दो रेनकोट, प्राथमिक उपचार से संबंधित दवाओं से भरे तीन बॉक्स, सर्जरी से संबंधित छह उपकरण, एक चादर, पांच ड्रेस व टोपी, दो बिंडोलिया, एक टिफिन बॉक्स, एक केन, एक तकिया व दो छोटे बैग हैं. एसएसपी ने बताया कि घटनास्थल से दो बारुदी सुरंग भी बरामद किया गया. इसे कोबरा व सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते ने विस्फोट कर नष्ट कर दिया. पुलिस हमले से बचा माओवादी नेता संदीप यादव भाकपा-माओवादी संगठन के बिहार, झारखंड व छतीसगढ़ की स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य (बांकेबाजार प्रखंड के लुटुआ गांव के टोला बाबूरामडीह के रहनेवाले) संदीप यादव उर्फ रुपेश जी पुलिस की पकड़ में आने से बाल-बाल बच गया. 11 दिसंबर की सुबह से गया व औरंगाबाद जिले की सीमा पर स्थित बांकेबाजार व मदनपुर थाना इलाके में डुमरी के मलुआ पहाड़ी में माओवादी नेता संदीप यादव अपने विश्वस्त साथियों के साथ बैठक कर रहा था. लेकिन, 10 दिसंबर की रात मलुआ पहाड़ी इलाके में माओवादियों की गतिविधि तेज होने की सूचना पर कोबरा, सीआरपीएफ, एसएसबी, एसटीएफ व जिला पुलिस के वरीय अधिकारियों व जवानों ने संयुक्त रूप से मलुआ पहाड़ी पर छापेमारी की. लेकिन, पुलिस को यह भनक नहीं मिली थी कि मलुआ पहाड़ी में होनेवाली माओवादियों की बैठक में संदीप यादव भी है. इस कारण इस कांबिंग ऑपरेशन को पुलिस ने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. सिटी एसपी के नेतृत्व में हुई छापेमारी पुलिस को एक उपलब्धि हासिल हुई है कि कांबिंग ऑपरेशन के दौरान हुए मुठभेड़ में माओवादी संगठन का जोनल कमांडर राजीव यादव उर्फ बिहारी सहित तीन अन्य माअोवादी मारे गये. हालांकि, माओवादियों का शव पुलिस के हाथ नहीं लगा है. इन शवों की बरामदगी को लेकर शनिवार की देर रात से सिटी एसपी रविरंजन कुमार के नेतृत्व में बांकेबाजार, इमामगंज व लुटुआ थाने के बार्डर पर स्थित धनेता, सिद्धीखाप व लकड़ाही जंगल में कांबिंग ऑपरेशन चलाया गया. एसएसपी गरिमा मलिक को सूचना मिली थी कि तीनों माओवादियों के शवों को लोगों ने छिपा कर रखा है. राजीव यादव के मारे जाने का माओवादी संगठन ने अबतक नहीं किया खंडन 11 दिसंबर की सुबह गया व आैरंगाबाद जिले की सीमा पर हुए कांबिंग ऑपरेशन को लेकर एसएसपी गरिमा मलिक का दावा है कि पलामू जिले का रहनेवाला मााअोवादी संगठन का सब जोनल कमांडर राजीव यादव उर्फ बिहारी सहित तीन लोग मारे गये हैं. इस घटना को लेकर माओवादी राजीव यादव के पैतृक गांव में उदासी छायी है. साथ ही औरंगाबाद एसपी बाबूराम ने माओवादी राजीव यादव के ससुराल आैरंगाबाद जिले के ढ़िबरा थाना इलाके में छानबीन करायी, तो उसके ससुराल में भी उदासी छायी है. सोमवार को एसएसपी ने दोबारा दावा किया कि मुठभेड़ में राजीव यादव मारा गया. पुलिस अधिकारियों के ऐसे दावों को माओवादी संगठन ने अबतक खंडन नहीं किया है. हालांकि यह अब भी रहस्य बना हुआ है कि माओवादी राजीव यादव जिंदा है या मर चुका है.
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बारूदी सुरंग से पुलिस पर हमले की थी योजना : एसएसपी
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