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1500 यात्रियों ने किया ऐतिहासिक पथ का अनुकरण

जेठियन–राजगीर धम्म यात्रा में 13 देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं की सहभागिता

जेठियन–राजगीर धम्म यात्रा में 13 देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं की सहभागिता

फोटो-गया-बथानी-01,02 व 03- पदयात्रा में शामिल 13 देश के बौद्ध भिक्षु हुए शामिल

प्रतिनिधि, नीमचक बथानी़ मोहड़ा प्रखंड के जेठियन गांव में शनिवार को नव नालंदा महाविहार की ओर से जेठियन–राजगीर धम्म यात्रा का आयोजन किया गया. यात्रा में नव नालंदा महाविहार के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं, संस्थान में अध्ययनरत भिक्षु–भिक्षुणियां शामिल हुए. इनके अलावा श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, अमेरिका, जापान, चीन, लाओस आदि देशों से आए बौद्ध श्रद्धालुओं व भिक्षुओं ने भी सहभागिता की. गौरतलब है कि नव नालंदा महाविहार वर्ष 2014 से इस धम्म यात्रा का निरंतर आयोजन कर रहा है. इस वर्ष 12वीं जेठियन–राजगीर धम्म यात्रा का सफल आयोजन नव नालंदा महाविहार ने अपने सहयोगी प्रतिष्ठानों लाइट ऑफ बुद्धा धम्म फाउंडेशन इंटरनेशनल, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति, इंटरनेशनल बौद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन, नई दिल्ली, पर्यटन विभाग बिहार सरकार तथा जेठियन ग्रामवासियों के सहयोग से किया. यह यात्रा नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह के नेतृत्व में जेठियन गांव से प्रारंभ होकर प्राचीन बुद्ध चारिका पथ से होते हुए लगभग 15 किलोमीटर दूर वेणुवन, राजगीर में संपन्न हुई. इस वर्ष लगभग 1500 धम्म यात्रियों व श्रद्धालुओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक आयाम प्रदान किया. यह वही पावन मार्ग है जिससे भगवान बुद्ध सम्यक संबोधि प्राप्ति के पश्चात सारनाथ में धम्मचक्र प्रवर्तन के बाद मगधराज बिंबिसार से मिलने राजगृह आए थे. मगधराज बिंबिसार ने जेठियन में स्वयं उपस्थित होकर तथागत का स्वागत किया था और आदरपूर्वक उन्हें राजकीय उद्यान वेणुवन में ठहराया था, जिसे बाद में उन्होंने दानस्वरूप भिक्षुसंघ को अर्पित कर दिया.

यह पथ फाह्यान और ह्वेनसांग जैसे महान यात्रियों का साक्षी : कुलपति

इस अवसर पर कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि यह मार्ग केवल एक ऐतिहासिक पथ नहीं, बल्कि बुद्धत्व की ओर अग्रसर मानवता के कदमों की गूंज है. भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में अनेक बार इसी मार्ग से चारिका की, अनगिनत उपदेश दिए और यही पथ फाह्यान व ह्वेनसांग जैसे महान बौद्ध यात्रियों की आध्यात्मिक यात्रा का मौन साक्षी रहा है. यह धम्म यात्रा केवल स्मरण का आयोजन नहीं, बल्कि शांति, करुणा और सह-अस्तित्व की उस अमर परंपरा का पुनर्जीवन है, जिसे बुद्ध ने संसार को दिया. उन्होंने इस दिवस को बुद्धचारिका दिवस के रूप में घोषित करने की आवश्यकता बतायी. जेठियन गांव के राम उचित सिंह, भानु प्रताप सिंह, दिनेश सिंह, उमा सिंह और संजय सिंह ने बताया कि जेठियन के राजा पंडा की प्रसिद्ध गुफा में चतुर्मासा व्यतीत करने के दौरान भगवान बुद्ध और उनके अनुयायी भिक्षाटन के लिए जेठियन गांव आये थे. इसी परंपरा के निर्वहन हेतु वर्ष 2014 से प्रत्येक वर्ष 13 दिसंबर को भिक्षाटन के बाद पदयात्रा का आयोजन किया जाता है. धम्म पद यात्रा में शामिल बौद्ध भिक्षु जेठियन से पदयात्रा प्रारंभ कर राजगीर के वेणुवन के लिए रवाना हुए. यात्रा के दौरान जगह-जगह पेयजल और अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी.

धम्म पद यात्रा में विधायक भी हुए शामिल

धम्म पद यात्रा में अतरी के विधायक रोमित कुमार भी शामिल हुए और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि आगामी वर्ष इसे और बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा. पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच धम्म पद यात्रा निकाली गई. इस मौके पर नीमचक बथानी के डीएसपी सुरेंद्र कुमार सिंह, अतरी थानाध्यक्ष राज कौशल, जितेंद्र कुमार, दुष्यंत कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी एवं पुलिस बल मौजूद थे.

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