गया : बोधगया स्थित प्रज्ञा ज्योति मेडिटेशन सेंटर में अप्राकृतिक यौनाचार के शिकार हुए बच्चे मंगलवार को जीआरपी पुलिस की सुरक्षा में असम उनके घर भेजे गयेे. इन बच्चों के साथ रहे उनके अभिभावकों ने कहा कि वे अब असम में ही अपने बच्चों की सही तरीके से परवरिश करेंगे. साथ ही यह भी कहा कि वे चाहेंगे कि दोषियों के खिलाफ कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई की जाये, ताकि भविष्य में किसी दूसरे बच्चे के साथ ऐसी घटना न हो. इसके पहले सभी बच्चे जीआरपी थाना लाये गये.
यहां रेल पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार ने सभी बच्चों व उनके अभिभावकों से बातचीत की. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा इन बच्चों को भेजे जाने संबंधी सभी कागजातों को देखा.
चेहरे पर खामोशी लिये रवाना हुए बच्चे जीआरपी थाना पहुंचे 15 बच्चों के चेहरे पर खामोशी थी. उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था कि वह अपने साथ हुए हादसों से अभी भी नहीं उबरे हैं. आठ से 13 वर्ष के ये बच्चे जल्द-से-जल्द अपने घर पहुंचने को बेताब भी दिखे. रेल पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा मिले आदेश के बाद इन सभी बच्चों को असम कामाख्या एक्सप्रेस से भेजा जा रहा है. इन बच्चों के साथ प्रशिक्षु अवर निरीक्षक वीरेंद्र सिंह, सिपाही मोहम्मद साहेब, राजेश कुमार, बालदेव कुमार व रंजीत कुमार गये हैं.
अभिभावकों ने कहा दोषियों को मिले सजा
असम में ही बच्चों की करेंगे सही तरीके से परवरिश
सात और बच्चों का बयान दर्ज
हम हर संभव सहयोग करने आते रहेंगे
अरुण विकास चकमा ने कहा कि निश्चित तौर पर वह इस घटना से बेहद दुखी हैं. वह अपने बच्चों को अब अपनी आंखों से दूर नहीं होने देंगे. जब कभी केस के सिलसिले में हमें बिहार बुलाया जायेगा, हम हर संभव मदद करने यहां आयेंगे, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. उन्होंने मीडिया व पुलिस को पूरे सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया. वहीं, भानुप्रिया ने कहा कि उनका 11 वर्षीय भाई व आठ वर्षीय बेटा भी यौनाचार का शिकार हुआ है. हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि मेडिटेशन सेंटर चलानेवाले आरोपित भंते के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये.