एक मामले में 11 वर्ष बाद आया अदालत का निर्णय, तो दूसरे में छह वर्ष बाद
गया : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) सच्चिदानंद सिंह की अदालत ने अतरी थाना कांड संख्या 10/12 में आरोपित कुलदीप यादव को दोषी करार दिया है. इस मामले में सूचक अतरी थाने के मोहड़ा निवासी नरेश यादव ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि 15 जनवरी 2012 की शाम को फोन पर सूचना मिली कि उनके पिता रामरक्षा प्रसाद की हत्या कर दी गयी है.
पिता व उनकी बहू मीना देवी तपोवन मेला से घर को लौट रहे थे. इमामगंज व केंदुआ चक के बीच अपराधियों ने उन्हें घेर कर गोली मार दी थी. इससे उनकी मौत हो गयी थी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित कुलदीप यादव को दोषी करार दिया. इस मामले में कुल चार आरोपित हैं. बाकी के तीन का दूसरे अदालत में मामला चल रहा है. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक कमल किशोर पंडित ने अपना पक्ष रखा. इस मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई पांच अप्रैल को निर्धारित की गयी है.
एक दूसरे मामले में त्वरित न्यायालय द्वितीय कामेश्वर नाथ राय की अदालत ने अतरी थाना कांड संख्या 21/07 में रामचंद्र यादव को दोषी करार दिया है. इस मामले के सूचक अतरी के धूसरी गांव के रहनेवाले अंबिका यादव ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि 15 मार्च 2007 को हरकेश्वर यादव खेत पर जा रहे थे. करीब 10-12 की संख्या में रहे रामचंद्र यादव ने हर केश्वर यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस मामले में कुल 14 लोग हत्या में शामिल थे.
बाकी लोगों का केस दूसरे अदालत में चल रहा है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल सात लोगों की गवाही हुई. इसमें से छह लोग कोर्ट में होस्टाइल कर गये. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अरविंद कुमार व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह ने अपना पक्ष रखा. सजा की बिंदु पर सुनवाई दो अप्रैल हो गयी.