Darbhanga News: बेनीपुर. कमला नदी के तट पर बसी गणेश-बनौल-बलनी पंचायतवासियों के सामने जल संकट गहराने लगा है. पंचायत के कई वार्डों के चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. वहीं नल-जल से आपूर्त्ति नहीं होने के कारण लोग पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. कहने के लिए तो 10 वार्ड वाली इस पंचायत के सभी वार्डों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत करोड़ों की लागत से नल-जल लगा हुआ है, लेकिन यह विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़कर रह गया है. पीएचइडी द्वारा लगाये गये सात इंडिया मार्का-2 चापाकल भी विभिन्न दोष के कारण बंद पड़े हैं. इस कारण बलनी व कन्थूडीह के लोगों के सामने भीषण जल संकट उत्पन्न हो गया है.
ग्रामीण सह जदयू जिला महासचिव सच्चिदानंद झा ने कहा कि अनावृष्टि के कारण भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसक जाने के कारण विभिन्न वार्डों के चापाकल सूख गये हैं. तालाब व नदी भी सूख चुके हैं. इस कारण मनुष्य से लेकर मवेशियों तक को पीने के पानी नहीं मिल रहा है. उन्होंने पीएचइडी से गांव में टैंकर के सहारे जलापूर्ति कराने की मांग की है. इसी पंचायत के कन्थूडीह गांव के पांच वार्डों में मात्र एक वार्ड में नल-जल चल रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि इस पंचायत के सभी नल-जल स्थापना काल से ही बंद पड़ा है. इसे देखने तक कोई नहीं आ रहा है. मुखिया राम सुधार झा ने कहा कि पंचायत में उत्पन्न जल संकट को देखते हुए पीएचइडी को कई बार बंद पड़े नल-जल चालू करने की मांग की, लेकिन विभाग द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. इससे पंचायत के लोगों को भीषण जल संकट से जूझना पड़ रहा है. यही हाल सझुआर, बिकूपट्टी, मकरमपुर, कोठबन्ना, पोहद्दी आदि पंचायतों का भी है. मकरमपुर की मुखिया नूतन चौधरी अपने निजी कोष से टैंकर के सहारे लोगों को पानी उपलब्ध करा रहे हैं.कहते हैं अभियंता
भू-गर्भीय जलस्तर लगभग 35 फीट नीचे खिसक गया है. इस कारण साधारण चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. अधिकांश पंचायतों में नल-जल की पाइप लाइन बदलने की आवश्यकता है. इसमें लंबा समय लग सकता है. वैसे अभी पोहद्दी के वार्ड 12 में पाइप लाइन बदला जा रहा है. बलनी में भी अधिकांश जगह पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण नल-जल से जलापूर्ति ठप है.– राजेश कुमार, कनीय अभियंता, पीएचइडी
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