Darbhanga News: कमतौल. अहल्यास्थान स्थित राम-जानकी मंदिर, सिया-पिया निवास, गौतमाश्रम सहित अन्य मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ प्रभु राम का प्राकट्योत्सव मनाया गया. दिन के 12 बजे भय प्रगट कृपाला दीन दयाला की गूंज के साथ मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए. श्रद्धालुओं ने जय सियाराम, जय श्रीराम का जयघोष करते हुए अपने आराध्य का दर्शन-पूजन किया. अहल्यास्थान स्थित राम-जानकी मंदिर के पुजारी दुखमोचन ठाकुर, न्यास समिति के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर, सदस्य उमेश ठाकुर आदि ने बताया कि वैसे तो सालों भर श्रद्धालु अपने आराध्य का दर्शन-पूजन करने श्रद्धालु आते हैं, परंतु रामनवमी के दिन प्राकट्योत्सव पर मंदिरों में भीड़ बढ़ जाती है. इस दिन आसपास ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से भी काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने आते हैं. इधर रामनवमी पर श्रद्धालुओं द्वारा भगवान राम के भक्त हनुमानजी की पूजा-अर्चना की गयी. मंदिरों, आवासीय परिसरों सहित ठाकुरबाड़ियों में हरे बांस में हनुमान पताका लगाकर मंत्रोच्चारण के बीच ध्वजारोहण किया गया. जगह-जगह अखण्ड रामायण पाठ, संकीर्तन सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों से इलाके का माहौल भक्तिमय बना रहा. आचार्य श्याम शास्त्री ने बताया कि रामभक्त हनुमान के नाम पर झंडा लगाने की प्राचीन परंपरा है. ध्वज की छत्रछाया में पर्यावरण की शुद्धि होती है, जिससे सभी को लाभ मिलता है. मान्यता है कि इस झंडा के जरिए यश, कीर्ति, विजय व पराक्रम दूर-दूर तक फैलता है.
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