Darbhanga News: दरभंगा. जानलेवा हमले के एक मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार पांडे की अदालत ने 29 वर्ष बाद लहेरियासराय थाना क्षेत्र के चकजोहरा निवासी अब्दुल जलील के पुत्र अली अशरफ को भादवि की धारा 307 एवं 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है. अदालत ने सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 11 जून की तिथि निर्धारित की है. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक ललन कुमार ने बहस किया. अपर लोक अभियोजक के अनुसार घटना के संबंध में विशनपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव निवासी तैयब हसन के पुत्र इजहारुल हसन ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि 29 मार्च 1996 की शाम 07 बजे खुर्शीद हसन एक अन्य व्यक्ति के साथ उनके घर पर आया. उसके साथ लहेरियासराय थाना क्षेत्र के चकजोहरा निवासी अब्दुल जलील का पुत्र अली अशरफ था, जो सहायक उर्दू शिक्षक था. खुर्शीद हसन ने अली अशरफ के वेतन, एरियर का काम क्यों नहीं कर देते हैं. इस पर इजहारुल हसन ने कहा कि अभी रात है सुबह में बात करेंगे. इस बात पर अली असरफ उन पर गोली चला दिया, जिससे वे घायल हो गए. लोगों द्वारा इलाज के लिए उन्हें डीएमसीएच में भर्ती कराया गया. मामले में भादवि की धारा 307 एवं 27 आर्म्स एक्ट में न्यायालय में आरोप गठन हुआ. अभियोजन की ओर से 11 लोगों की गवाही कराई गई. उभय पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपित अली अशरफ को दोषी पाते हुए सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 11 जून की तिथि निर्धारित की है.
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