Darbhanga News: दरभंगा. केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ राजभूषण चौधरी ने कहा कि देश के विभाजन की विभीषिका का दंश झेलने के बाद भी भारत के विकास में सिंधी समाज के योगदान को भूला नहीं जा सकता. डॉ चौधरी रविवार देर रात झूलेलाल मंदिर में आयोजित झूलेलाल महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. मंत्री ने कहा कि भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत से यहां आए सिंधी समाज के लोगों का अपनी विरासत और संस्कृति का रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है. सिंधी समाज आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहजते हुए प्रतिवर्ष झूलेलाल महोत्सव का आयोजन कर अपनी एकता एवं धर्म के प्रति अपना भाव का प्रदर्शन करते हैं. कहा कि सिंधी समाज के लोगों के इष्ट देव झूलेलाल को जल, सत्य और नैतिक व्यवस्था के रक्षक वरुण देवता का अवतार माना जाता है. वे ब्रह्मांडीय व्यवस्था के अविचल रक्षक हैं, जो झूठ बोलने वाले और पापियों को दंड देते हैं. सिंधी समाज उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने समाज और राष्ट्र की नवनिर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता.
देश को आगे बढ़ाने में सिंधी समाज का बड़ा योगदान- संजय सरावगी
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि सिंधी समाज के कुछ लोगों की जन्मभूमि सिंध प्रांत हो सकती है, लेकिन यहां उपस्थित जितने लोग हैं, उनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि भी यही है. दरभंगा समेत पूरे देश को आगे बढ़ाने में सिंधी समाज का बड़ा योगदान है. कहा कि करोड़ों लोगों ने भारत विभाजन का असहनीय कष्ट झेला है, लेकिन सिंधी समाज के लोगों ने अपनी सादगी और मेहनत के बल पर अलग पहचान बनाई है. कहा कि अब आपकी जन्मभूमि भी यही है और कर्मभूमि भी यही है. इसे कितना आगे बढ़ाया जाए, इस पर काम करें. पूर्व पूज्य सिंधी पंचायत के मुखिया जगत लाल जुमनानी ने अतिथियों को अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ और सांई झूलेलाल का मोमेंटो देकर सम्मानित किया. दोनों मंत्री ने साईं झूलेलाल देवता की पूजा अर्चना की. कार्यक्रम का संचालन नेशनल संधि वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव अजय तलवानी ने किया. बनारस से आए एमभीजे ग्रुप के कलाकारों ने सांगीतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

