Darbhanga News: बिरौल. सुपौल हाटगाछी मैदान पूर्व में व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र था. यहां सप्ताह में लगने वाला हाट न केवल मवेशियों की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध था, बल्कि घरेलू उपयोग की सामग्री व ताजी सब्जियों के बड़े बाजार के रूप में भी इसकी पहचान थी. यह मैदान न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि सामाजिक मेल-जोल का भी केंद्र था. दुर्भाग्यवश आज यह ऐतिहासिक स्थल नारकीय स्थिति में पहुंच गया है. मैदान में जलजमाव, गंदगी व अव्यवस्था ने इसकी मूल पहचान को लगभग मिटा दिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार इसकी नियमित देखरेख एवं साफ-सफाई का अभाव ही इसकी इस स्थिति का मुख्य कारण है. कहीं से जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है, जिससे बरसात के दिनों में यह मैदान कीचड़-पानी से भर जाता है. लोगों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि इस ऐतिहासिक स्थल को उसकी पुरानी गरिमा लौटाने का ठोस प्रयास करें. मैदान की सफाई, जल निकासी की समुचित व्यवस्था, सीमांकन व पक्के प्लेटफार्म की सुविधा जैसे कदम उठाये जाने चाहिए. इससे न केवल व्यापारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान होगा. साथ ही यह हाट एक बार फिर से स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का जीवंत केंद्र बन सकेगा.
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