Darbhanga News: दरभंगा. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने केवटी थाना क्षेत्र के एक गांव के दिलीप पासवान के पुत्र शंकर पासवान को एक नाबालिग लड़की के साथ घर में लैंगिक अत्याचार व लज्जा भंग करने एवं आपराधिक बल प्रयोग करने के आरोप में दोषी पाते हुए तीन वर्ष की कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार घटना को लेकर सूचिका ने केवटी में थाना कांड संख्या 43/2020 दर्ज कराते हुए अभियुक्त शंकर पासवान रामाशीष पासवान व दिलीप पासवान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था. मामले के अनुसंधानक ने अभियुक्त शंकर पासवान के विरुद्ध प्राथमिकी में लगाये गये आरोप को सही पाकर आरोप पत्र संख्या 62/20 दिनांक 11 नवम्बर 2020 को समर्पित किया. अदालत ने 25 नवंबर 2020 को मामले में भादवि की धारा 376, पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 में संज्ञान लिया. अदालत द्वारा 24 फरवरी 21 को 376 (3) भादवि और 4/6 पॉक्सो की धारा में आरोप गठन किया गया. विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बताया कि अभियोजन पक्ष से 8 गवाहों की गवाही अदालत में प्रस्तुत किया गया. उभय पक्ष के बहस के उपरांत सोमवार को कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार ने 12 पॉक्सो एक्ट में तीन वर्ष की कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा 452 में दो वर्ष कारावास व पांच हजार रुपया, 506 में तीन वर्ष और पांच हजार रुपये 354 में दो वर्ष और पांच हजार रुपये एवं 354 (ए) में दो वर्ष और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. वहीं इसी मामले में दो अभियुक्त क्रमशः दिलीप पासवान और रामाशीष पासवान के विरुद्ध 28 नवंबर 2022 को अदालत ने संज्ञान लिया है, जो अदालत में आरोप गठन के लिए चल रहा है. अदालत ने अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने का आदेश पारित किया है. अदालत ने प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को तीन लाख रुपये का भुगतान जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा को करने का आदेश दिया है.
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