कमतौल. रामनवमी पर अहल्यास्थान में एक पखवाड़ा तक लगने वाले मेले के लिए दुकानें सज गयी हैं. श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. छह अप्रैल को रामनवमी के दिन हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. शुक्रवार को भी दर्जनों की संख्या में श्रद्धालु अहल्यास्थान पहुंचे. मंदिरों में दर्शन-पूजन कर वापस लौट गये. अहल्या गहबर के पुजारी कामेश्वर मिश्र ने बताया कि यूं तो यहां सालों भर श्रद्धालुओं का आगमन होता रहता है, परंतु जबसे अहल्यास्थान को रामायण सर्किट में शामिल किया गया है. उसके बाद दिनानुदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की जा रही है. रामनवमी मेले के दौरान देश के कोने-कोने समेत विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. दर्शन-पूजन कर बैगन का भार समर्पित कर मेले में आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. जिनकी मन्नतें पूरी होती है, उनके द्वारा बैगन का भार भी चढ़ाया जाता है. कई श्रद्धालु बच्चों का मुंडन आदि भी कराते हैं. वहीं मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को अहल्या कुंड में स्नान व मंदिरों में दर्शन-पूजन करने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए न्यास समिति के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर, सदस्य उमेश ठाकुर अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं. अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार व्यवस्था की जा रही है. दुकानदारों को जगह आवंटित करने, अहल्या कुंड में पानी भरने, सीसीटीवी कैमरे लगाने आदि का काम पूरा हो गया है. रामनवमी के दिन ड्रोन कैमरे से भी मेले की निगरानी की जाएगी. मंदिर के गर्भगृह से लेकर हरेक संवेदनशील स्थानों पर स्वयंसेवकों के अलावा पुलिस जवान तैनात रहेंगे. राम-जानकी मंदिर के सामने कार्यालय कक्ष में कंट्रोल रूम से पूरे मेले की निगरानी की जायेगी.
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