दरभंगा. नाका नंबर पांच स्थित एचएमभी कैमिस्ट्री क्लासेज में प्रभात खबर की ओर से डिजिटल ठगी से बचाव को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को साइबर ठगी से बचाव की जानकारी दी. बताया कि तकनीकी क्षेत्र में विकास के साथ-साथ साइबर अपराधियों के अपराध का तरीका भी बदलता जा रहा है. लोगों के साथ ठगी करने में अपराधी आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हैं. इससे बचाव के लिये हमें सतर्क रहना होगा. अनजान नंबर से आये कॉल पर बैंक डिटेल्स आदि शेयर नहीं करना चाहिये. डॉ एमके शुक्ला ने साइबर ठगी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह के आयोजन के लिए प्रभात खबर को धन्यवाद दिया. छात्रों से अधिक से अधिक सतर्कता बरतते हुए अपने मोबाइल का इस्तेमाल करने काे कहा. किस-किस तरह से साइबर ठगी की जाती है, इस पर विस्तृत जानकारियां दी. कहा कि महज कानून बनाकर हम साइबर अपराध की रोकथाम नहीं कर सकते हैं. इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. ऐसे में प्रभात खबर का यह जागरूकता कार्यक्रम सराहनीय है. कहा कि साइबर अपराध से कैसे बचा जाए, इसके बारे में सभी छात्र-छात्राओं को अपने माता-पिता को विशेष तौर पर जागृति करने की जरूरत है. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी लिंक पर जल्दबाजी में क्लिक नहीं करना है. प्रलोभन में फंसकर हमें अपनी जमा पूंजी नहीं गंवानी है. विषय विशेषज्ञ सुगंधा चौधरी ने ने कहा कि आज के युग में साइबर का उपयोग लगभग सभी उम्र के लोग कर रहे हैं. साइबर ठगी के तरीके भी बदल रहे हैं. साइबर ठगी की घटनाएं रोज नए ट्रेंड और स्वरूप में घटित हो रही है. इसलिए इसकी सही और सटीक जानकारी ही बचाव है. स्मार्ट फोन या इंटरनेट का उपयोग कर किया गया कोई भी अनैतिक और गैरकानूनी कार्य साइबर अपराध है. इसमें अनुमति लिये बिना किसी का फोटो, वीडियो या पोस्ट सार्वजनिक करना भी साइबर अपराध है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म या इंटरनेट से संचालित किसी भी ऐप पर एक बार साझा कर दी गई कोई जानकारी वास्तविक तौर पर कभी डिलीट नहीं की जा सकती. इसे कोई भी रिकवर कर सकता है. मतलब साफ है कि आप पोस्ट या चैटिंग करने में अपनी निजता को साझा नहीं करें. आज का दोस्त समय के साथ दुश्मन हो सकता है. जबकि एमके सिंह ने प्रभात खबर की पहल की सराहना की. कहा कि आज के दौर में कोई भी सेफ नहीं है. हम लोग जितनी सतर्कता से मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे, उतना ही साइबर फ्रॉड से बचेंगे. कहा कि लापरवाही से किये गये एक क्लिक से हम अपनी सारी जमा पूंजी खो देंगे. इससे बचाव को लेकर व्यापक स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम समय की जरूरत है. वहीं डायरेक्टर रीना कुमारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराध की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. देश में हजारों लोग प्रतिदिन धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं. इसे देखते हुए हर स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है. कहा कि आज की दुनिया मोबाइल, कंप्यूटर की है. बिना इन दोनों के हम अपने आपको अधूरा महसूस करते हैं. युवा वर्ग के लिए मोबाइल तो भोजन से अधिक जरूरी हो गया है, लेकिन क्या हम इसका उपयोग सुरक्षा के साथ कर रहे हैं? सुबह जगने से रात में सोने तक इंटरनेट के अदृश्य जाल में हम उलझे रहते हैं, लेकिन सोने के बाद भी हमारे डाटा और गोपनीय जानकारी की चोरी होती है. इसकी जानकारी हमें समय रहते नहीं हो पाती.
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