Darbhanga News: दरभंगा. दरभंगा हवाई अड्डा पर 49.02 करोड़ की लागत से एप्रन एवं टू लिंक टेक्सीवेज निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. निर्माण सामग्री पहुंचने लगी है. एप्रन निर्माण के लिए पिछले साल छह दिसंबर को निविदा निकाली गयी थी. ठेकेदार को एक साल में कार्य पूरा कर लेना था. लेकिन, अब जाकर काम प्रारंभ होने की प्रक्रिया ही शुरू हुई है. निविदा के मुताबिक काम को एक साल में पूरा कर लिया जाना था. विदित हो कि 54 एकड़ भूमि पर नये सिविल एन्क्लेव का निर्माण कराया जा रहा है. एप्रन बन जाने से विमान का समय से बेहतर संचालन किया जा सकेगा. एक बार में सात प्लेन के ठहराव की व्यवस्था होगी. वर्तमान में दो विमान का ही ठहराव संभव है.
रनवे को एप्रन, हैंगर व टर्मिनल से जोड़ता है टैक्सीवेज
टैक्सीवेज हवाई अड्डे पर विमानों के लिए एक रास्ता है, जो रनवे को एप्रन, हैंगर, टर्मिनल और अन्य सुविधाओं से जोड़ता है. व्यस्त हवाई अड्डों पर आमतौर पर हाइ-स्पीड या रैपिड-एग्जिट टैक्सीवेज बनाए जाते हैं, ताकि विमान अधिक गति से रनवे से बाहर निकल सके. विमान को रनवे से जल्दी निकलने में टैक्सीवेज से मदद मिलता है. इससे दूसरे विमान कम समय में रन-वे पर उतरते हैं या उड़ान भर पाते हैं.
विमान को सुरक्षित रखने के लिए बनाया जाता हैंगर
हवाई अड्डा पर विमानों को रखने और उनकी सुरक्षा के लिए बंद संरचनाओं का निर्माण किया जाता है. विमानों को हैंगर बाहरी मौसम से बचाते हैं. वहां विमानों के रखरखाव और भंडारण की सुविधाएं होती है. हैंगर का निर्माण धातु, लकड़ी या कंक्रीट से किया जाता है.
की-प्लान के तहत किया जा रहा कार्य
एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की ओर से 54 एकड़ भूमि पर की- प्लान के तहत काम हो रहा है. इसके तहत विभिन्न संरचनाओं को पूरा किया जाना है. इसमें टर्मिनल बिल्डिंग, एप्रन सहित सिटी साइड रोड, एराइवल प्लाजा, कार पार्किंग, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, एएआइ साइट ऑफिस, मेन एंट्री, स्टाफ एंट्री, वीआइपी कार पार्किंग, चेक पोस्ट, कार्गो टर्मिनल (फेज टू), एरिया ऑफ फ्यूचर एप्रन, एडमिन ब्लॉक आदि का कार्य प्रस्तावित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

