Darbhanga News: दरभंगा. 20 दिनों से लापता युवक के घायल अवस्था में मिलने तथा डीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत से आक्रोशित लोगों ने आजमनगर में सड़क जाम करते हुए डायल 112 की गाड़ी का तोड़ा शीशा दिया. आक्रोशित परिजन व स्थानीय लोग सड़क पर उतर गये. विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आजमनगर में टायर आदि जलाकर सड़क जाम कर दिया. पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मब्बी थाना की पुलिस के विरुद्ध लोग काफी आक्रोशित थे. लोगों का कहना था कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो यह घटना नहीं होती.
26 फरवरी को बेंता और अललपट्टी गुमटी के बीच गंभीर अवस्था में मिला था भोला
मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहालपुर निवासी जगदेव राम का पुत्र भोला कुमार राम 20 दिनों से लापता था. 26 फरवरी को बेंता और अललपट्टी गुमटी के बीच क्रिकेट खेल रहे युवकों ने दोनों हाथ व एक पैर कटे एक युवक को रेलवे ट्रैक के निकट देखा. सूचना पर पहुंची पुलिस बूरी तरह से घायल युवक को डीएमसीएच में भर्ती करायी. भोला को जगह-जगह खोज रहे परिजनों को अज्ञात युवक के जख्मी अवस्था में डीएमसीएच में भर्ती कराये जाने की जानकारी मिली. 28 मार्च परिजन अस्पताल पहुंचे तो देखा कि घायल युवक भोला कुमार है. इलाज के दौरान आज एक मार्च को उसकी मौत हो गयी.डेढ़ घंटे तक जाम रहा सड़क
आक्रोशित लोगों ने लगभग डेढ़ घंटे तक सड़क जाम रखा. सूचना मिलते ही सबसे पहले वहां 112 नंबर की गाड़ी पहुंची. लोगों ने पुलिसकर्मियों को वहां से जाने के लिए कह दिया. इसी बीच किसी ने पत्थर मारकर गाड़ी का शीशा तोड़ दिया. देखते ही देखते वहां कई थाने की पुलिस पहुंच गयी. सिटी एसपी अशोक कुमार प्रसाद भी पहुंचे. पुलिस के अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया. लोगों में पुलिस की लापरवाही को लेकर काफी नाराजगी थी. सिटी एसपी के समझाने के बाद लोग शांत हुए और जाम हटा लिया.भोला को अपने कब्जे में होने की बात कह मंगा लिया पांच हजार रुपये
मृतक के पिता जगदेव राम का कहना है कि भोला आठ फरवरी से लापता था. वह कादिराबाद स्थित एक कैफे शॉप में काम करता था. सुबह आठ बजे घर से दुकान के लिए निकला था. शाम तक वापस नहीं आया. काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिला, तो मब्बी थाना में आवेदन दिया. उनका कहना है कि मब्बी थाना की पुलिस ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. इस पर उनकी ओर से एसएसपी को आवेदन दिया गया. उनका कहना है कि एक परिचित ने कहा कि भोला को मुजफ्फरपुर की बस में देखा हूं. कंटक्टर ने पूछने पर बताया कि वह मुजफ्फरपुर के लिए निकला. पटना वाली बस के विषय में भी पूछ रहा था. 21 फरवरी को बड़े पुत्र के मोबाइल पर कॉल कर किसी ने कहा कि भोला उसके कब्जे में है तथा छोड़ने के लिये 50 हजार की मांग की. 15 हजार देने पर वीडियो कॉल पर बात कराने की बात कही. बताया कि 23 फरवरी को उसे पांच हजार रुपये भेज दिया, पर उसने बात नहीं करायी. शेष राशि लेकर सिल्लीगुड़ी आने को कहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है