Darbhanga News: दरभंगा. अंतिम मेधा सूची में पहले नंबर पर शामिल महेश्वरी कुमारी सहायक शिक्षिका पद पर दरभंगा नगर के प्राथमिक विद्यालय रामगंज उर्दू में पदस्थापित थी. उनकी मृत्यु सेवा काल में 18 दिसंबर 1993 को हो गई. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आश्रित के रूप में उनका पुत्र हर्षवर्धन आवेदन किया है. उनका जन्म तिथि 25 अप्रैल 1981 है. इस प्रकार 45 वर्ष के उम्र में अपनी मां की मृत्यु के 32 वर्षों के उपरांत उन्हें विद्यालय लिपिक पद पर बहाली हो सकेगी. चुंकि मेधा सूची का निर्माण मृत्यु काल के अवरोही क्रम में किया गया है, अर्थात सबसे पहले जिनकी मृत्यु हुई, उनके परिजन को सबसे पहले शामिल किया गया है.
अधिकांश आवेदकों का उम्र 30 से 35 साल
विद्यालय लिपिक पद पर अंतिम मेधा सूची में शामिल 246 आश्रितों में शामिल आवेदक वर्षों बरस से अनुकंपा का लाभ प्राप्त करने की प्रतीक्षा में रहे हैं. किंतु, अनुकंपा पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया जटिल होने के कारण नौकरी पाने में सफल नहीं हो पाए. इसी का परिणाम है कि अधिकांश आवेदकों का उम्र 30 से 35 आयु वर्ग का हो गया है. शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी के रूप में कार्यरत उनके परिवार की आर्थिक स्थिति उनकी मृत्यु के उपरांत किस प्रकार रही होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा. हाल ही में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए प्रावधानों को आसान बनाया तथा इसके कैलेंडर जारी किए. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इन पदों पर सबसे पहले अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की जाएगी, इसके बाद ही रिक्त पदों पर इंटर उत्तीर्ण अन्य अभ्यर्थियों की बहाली होगी. इसे लेकर आवश्यकता के अनुसार पद का भी सृजन किया. इसी का परिणाम है कि इस सूची में जून 2025 में मृत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी के आश्रित भी शामिल हैं. सूची के क्रम संख्या 246 पर विशिष्ट शिक्षिका रूबी कुमारी का नाम शामिल है, जो मध्य विद्यालय बहादुरपुर में कार्यरत थी तथा 11 मई 2025 को सेवा काल में निधन हो गया. इनके पुत्र प्रिंस कुमार का जन्म तिथि 6 फरवरी 2025 है. इसका मतलब यह है कि महज 20 वर्ष के उम्र में ही अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाएगी.
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