Darbhanga News: बिरौल. धीरे-धीरे किसानों में जागरूकता आने लगी है. आधुनिक तकनीकी का प्रयोग खेती में होने लगा है. जिस तरह से लोग इस दिशा में मुखातिब नजर आ रहे हैं, आनेवाले दिनों में खेती घाटा का सौदा नहीं रह जायेगा. कुछ ऐसा ही प्रयोग प्रखंड के पोखराम गांव में एक किसान ने किया है. 20 एकड़ में मछली पालन के साथ पशुपालन और पॉल्ट्री फार्म की स्थापना की उन्होंने योजना बनाई है. आंध्रप्रदेश की तर्ज पर इस प्रोजेक्ट को विकसित किया जाएगा, जिसमें मछली पालन को वैज्ञानिक पद्धति से संचालित किया जाएगा. तालाब का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. मछलियों को इस तालाब में छोड़ भी दिया गया है. अन्य हिस्सों बत्तख, मुर्गी व बकरी पालन के लिए कार्य अभी चल रहा है. इसकी शुरुआत कर रहे किसान रणधीर चौधरी बताते हैं कि उनका उद्देश्य गांव के किसानों को आधुनिक तरीके से मछली और पशुपालन का संदेश देना है. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो केवल मछली पालन से सालाना करीब एक करोड़ रुपये की आमदनी होगी, जबकि मुर्गी, बकरी और पशुपालन से लगभग 50 लाख रुपये का अतिरिक्त आय हो सकता है. इस योजना से करीब 30 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा. हम इसकी शुरुआत कर रहे हैं. अगर दूसरे किसान भी इसकी शुरूआत करना चाहते हैं तो हरसंभव सहयोग करेंगे. बत्तख तालाब में प्राकृतिक ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करेंगे, जिससे मछलियों का बेहतर विकास होगा. वहीं, पशुपालन से दूध उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय होगी. रणधीर चौधरी ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट को लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा, जबकि जिस भूमि पर यह योजना विकसित की जा रही है उसकी अनुमानित कीमत करीब पांच करोड़ है. यह योजना न केवल एक बड़ा आर्थिक निवेश है, बल्कि गांव के विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल भी है. विशेषकर उन खेतों के लिए जहां कृषि उत्पादन संभव नहीं है, इस प्रकार की परियोजनाएं किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगी.
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