Bihar Sugar Mill: बिहार सरकार ने प्रदेश में बंद चीनी मिलों को खोलने का निर्णय लिया है. इनमें दो चीनी मिलें सहकारिता विभाग की ओर से संचालित होंगी. मधुबनी की रैयाम और दरभंगा की सकरी चीनी मिल सहकारिता विभाग की सहकारी समितियां संचालित करेंगी. इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनायी जा रही है. इसकी स्वीकृति कैबिनेट से होगी. इसके बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक की जायेगी. सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि गन्ना विभाग से इसे लेकर बैठक की जा चुकी है.
दो जनवरी से पंचायतों में पैक्स सदस्यता अभियान चलेगा
मंत्री ने बताया कि किसानों को 48 घंटे में राशि का भुगतान किया जा रहा है. सहकारी समितियों में 7221 गोदाम का निर्माण पूर्ण हो चुका है. 2025-26 में 278 गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति में है. इसमें 2.49 लाख एमटी भंडारण क्षमता का सृजन हो सकेगा. मंत्री ने बताया कि दो जनवरी से राज्य की सभी पंचायतों में पैक्स सदस्यता सह जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.विभाग के माध्यम से 25 योजनाएं संचालित की जा रही हैं.
को-ऑपरेटिव बैंक से 75 लाख का मिला गोल्ड लोन
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से तीन सौ प्रकार की नागरिक सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. इस कार्य में पैक्सों द्वारा पांच करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया जा चुका है. कहा कि स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से 24 लोगों को 75 लाख का गोल्ड लोन दिया गया है.
मेगा फूड पार्क और प्रोसेसिंग यूनिट की होगी स्थापना
मंत्री ने कहा कि भविष्य में मेगा फूड पार्क, प्रोसेसिंग यूनिट, पॉली हाउस, रीफर गाड़ियों की खरीद, पैकेजिंग हाउस, डिहाइड्रेशन, हल्दी, टमाटर प्रसंस्करण यूनिट सहित अन्य योजनाएं प्रस्तावित हैं. कहा कि फसल सहायता योजना के तहत 33.19 लाख किसानों को राशि दी गयी है. मौके पर अपर सचिव अभय कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
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डीएम को किराये पर क्रय केंद्र और गोदाम लेने का दिया गया अधिकार
उन्होंने बताया कि 28 फरवरी तक धान की खरीद होगी. लक्ष्य 36.85 लाख एमटी धान की खरीद का लक्ष्य है. 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख एमटी धान की खरीद की जा चुकी है. कहा कि डीएम अपने स्तर से गोदाम और धान क्रय केंद्र किराये पर ले सकते हैं. सभी जिला पदाधिकारियों को अतिरिक्त गोदाम की व्यवस्था, इच्छुक किसानों की सूची बनाने एवं उनसे क्रय कराने का निर्देश दिया जा चुका है.
मंत्री ने बताया कि चावल में एफआरके (एक तरह का पोषक तत्व) डालकर एसएफसी को सप्लाई करनी होती है. ये उपलब्ध नहीं था. इसमें आ रही बाधा दूर कर ली गयी है. अब धान की मिलिंग कराकर पोषक तत्व डालकर एसएफसी को सप्लाई की जायेगी. भभुआ से इसकी शुरूआत हो चुकी है.
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