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Darbhanga News: कागज पर ही संचालित हो रहा बाबू सलीमपुर गांव का एक मदरसा

Darbhanga News:नयागांव पूर्वी पंचायत के वार्ड नौ बाबू सलीमपुर गांव में तीन सरकारी मदरसे संचालित हैं.

Darbhanga News: केवटी. नयागांव पूर्वी पंचायत के वार्ड नौ बाबू सलीमपुर गांव में तीन सरकारी मदरसे संचालित हैं. इसके अलावा वार्ड पांच में भी एक मदरसा चल रहा है. वार्ड नौ में मदरसा ताजुल उलूम, मदरसा तुल बनात व मदरसा सादिक उलूम तथा वार्ड पांच में मदरसा इस्लामिया का संचालन हो रहा है, परंतु इसमें कुछ मदरसे कागज पर ही संचालित हैं. विदित हो कि मदरसा ताजुल उलूम की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी. इस मदरसा में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई का प्रबंध है. इसका यू-डायस कोड 10130202904 है. यहां नामांकित 179 बच्चों में रविवार को साढ़े नौ बजे एक दर्जन बच्चे ही मौजूद थे. सौ बच्चों की उपस्थिति बनी हुई थी. वहीं प्रधान सहित छह मौलवी पदस्थापित हैं. प्रधान मौलवी मो. अनावारूल हक ने बताया कि बच्चे नाश्ता करने घर गये हैं, मदरसा में मध्याह्न भोजन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सौ बच्चे आज आये हैं, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही थी. वहीं पौने दस बजे इसी वार्ड में स्थित मदरसा तुल बनात का मुख्य दरवाजा बंद था. काफी कहने के बाद दरवाजा खोला गया. यहां तीन कमरे में वर्ग आठवीं तक के छात्रों को शिक्षा देने की स्थिति सामने आ गयी. ये कमरे आवास तथा दरवाजे के लिए उपयोग होते दिखे. वर्ष 2013 से इस मदरसा का संचालन किया जा रहा है. यहां नामांकित 269 बच्चों में आज 54 की उपस्थिति दिखायी गयी थी. वहीं सृजित छह में तीन मौलवी पदस्थापित हैं. इसमें प्रधान मौलवी फिरोजा खातून हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि मदरसा तुल बनात कागज पर ही संचालित हो रहा है. धरातल पर मदरसा नहीं खुलता है. छात्र भी नहीं आते हैं. विभागीय सांठगांठ से कागज पर ही यह मदरसा सिमटकर रह गया है. इधर, इसी वार्ड में दिल्ली पब्लिक इंग्लिश स्कूल का भवन है. इसी भवन में मदरसा सादिक उलूम संचालित होता है. दिल्ली पब्लिक इंग्लिश स्कूल बंद था, लिहाजा मदरसा भी बंद पाया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि जब इस मदरसा की जांच के लिए कोई टीम पहुंचती है तो सिर्फ बोर्ड बदल दिया जाता है. मदरसा सादिक उलूम का बोर्ड कार्यालय में ही रहता है. मदरसा का यू-डायस कोड 10130208305 है. मदरसा के संचालक मो. रियाज सादिक इस बाबत जानकारी मांगने पर भड़क उठे. कहा जो करना है, करिए सब मैनेज हो जाता है. इधर इसी गांव के वार्ड पांच में मदरसा इस्लामिया है. इसके अलावा दो निजी मदरसे भी संचालित हो रहे हैं. इनमें मदरसा हालिनिया तथा मदरसा अजहरूल उलूम शामिल हैं. इसके अतिरिक्त गांव में दो सरकारी स्कूल भी हैं. इधर इस संबंध में पूछने पर बीइओ कारिमा फिरदौस ने बताया कि मदरसा का संचालन मदरसा बोर्ड से होता है. वेतन भी मदरसा बोर्ड से ही मिलता है. बीइओ को ज्यादा मतलब भी नहीं रहता है. देखकर आवश्यक रिपोर्ट कर सकते हैं.

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