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16 को आयेंगे महाश्रमण

स्वागत की तैयारी. नगर में बनाये जा रहे 41 तोरणद्वार सद्भावना व नशामुक्ति पदयात्रा में शामिल होंगे जिले के हजारों लोग ललित-कर्पूरी भवन में होगा मुख्य कार्यक्रम दरभंगा : तेरापंथ धर्मपंथ के 11 वें आचार्य महाश्रमणजी का मिथिलांचल में 16 मार्च को आगमन हो रहा है. सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संकल्प को लेकर पदयात्रा […]

स्वागत की तैयारी. नगर में बनाये जा रहे 41 तोरणद्वार

सद्भावना व नशामुक्ति पदयात्रा में शामिल होंगे जिले के हजारों लोग
ललित-कर्पूरी भवन में होगा मुख्य कार्यक्रम
दरभंगा : तेरापंथ धर्मपंथ के 11 वें आचार्य महाश्रमणजी का मिथिलांचल में 16 मार्च को आगमन हो रहा है. सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संकल्प को लेकर पदयात्रा करते हुए 16 मार्च की सुबह छह बजे काकरघाटी से प्रस्थान कर दिल्ली मोड़, बाघ मोड़ होते हुए नगर में प्रवेश करेंगे. उनका प्रवचन सुबह 10 बजे से ललित-कर्पूरी भवन सीएम कॉलेज में होगा. अहिंसा यात्रा अभिनंदन समिति के अध्यक्ष अजय कुमार जालान एवं संयोजक डॉ. अशोक पोद्दार ने यह जानकारी दी है.
55 वर्षीय आचार्य महाश्रमणजी के साथ साध्वी प्रमुख कनक प्रभाजी एवं लगभग तीन सौ साधक, साधिका, साधुगण एवं समश्रेणी के सदस्य पधार रहे हैं. समिति के महासचिव सुशील कुमार जैन ने बताया कि अहिंसा यात्रा का प्रारंभ लाल किला दिल्ली से हुआ जो देश के विभिन्न प्रांतों के साथ पड़ोसी देश नेपाल होते हुए मिथिलांचल में प्रवेश कर रहा है. यह शांति संदेश की पैदल यात्रा लगभग आठ वर्षों तक अनवरत चलती रहेगी.
समिति के स्वागताध्यक्ष अमोलक चंद जैन ने बताया कि देश के चारित्रिक विकास को ले आचार्य तुलसी ने नौ मार्च 1949 को एक व्यापक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था. वह अणुव्रत आंदोलन के नाम से विख्यात हुआ. उसी प्रकार आचार्य महाश्रमण की पैदल यात्रा अनवरत है, जो आत्मानुशासन का आधारभुत तत्व है. यह एक धर्म है. संप्रदाय नहीं. उन्होंने बताया कि आचार्य एक साहित्यकार परिव्राजक, समाज सुधारक एवं अहिंसा के व्याख्याकार हैं. अभिनंदन समितियों के तैयारियों की विशेष जानकारी देते हुए संयोजक अशोक कुमार पोद्दार ने बताया कि काकरघाटी से लकेर ललित-कर्पूरी भवन तक रास्तों में अधिक से अधिक लोग यात्रा में सम्मिलित हो सके. इसकी तैयारियां चल रही है. जागरुकता के लिए हैंडबिल एवं निमंत्रण कार्ड, बैनर आदि शहर में वितरित एवं लगाये जा रहे हैं. स्वागत के लिए शहर में 41 तोरण द्वार बनाये जा रहे हैं. द्वारों का नाम देश, मिथिला एवं दरभंगा के विभिन्न विभूतियों के नाम से किया गया है. प्रेसवार्ता में सुरेंद्र जैन, पवन सुरेका, गिरधारी बैरोलिया, पवन बागड़िया, दिलीप शर्मा, राजीव जैन, संजीव जैन, अरविंद जैन, सुरेश छाजेड़, पप्पू छाजेड़, बंटी जैन आदि उपस्थित थे.

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