423 में 255 रेल क्वार्टर क्षतिग्रस्त
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रेलवे. विभाग ने आवास खाली करने का जारी किया अल्टीमेटम
423 में 255 रेल क्वार्टर क्षतिग्रस्त नोटिस के बावजूद काट रहा आवास भत्ता रहने लायक नहीं है क्वार्टर दरभंगा : जंकशन के अधीन फिलहाल 423 क्वार्टर हैं. इसमें से 255 क्वार्टर क्षतिग्रस्त हैं. मात्र 168 क्वार्टर ही रहने लायक हैं. रेलवे के अभियंत्रण विभाग ने इसे डैमेज घोषित कर दिया है. यानी ये क्वार्टर रहने […]
नोटिस के बावजूद काट रहा आवास भत्ता
रहने लायक नहीं है क्वार्टर
दरभंगा : जंकशन के अधीन फिलहाल 423 क्वार्टर हैं. इसमें से 255 क्वार्टर क्षतिग्रस्त हैं. मात्र 168 क्वार्टर ही रहने लायक हैं. रेलवे के अभियंत्रण विभाग ने इसे डैमेज घोषित कर दिया है. यानी ये क्वार्टर रहने के लायक नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार इसके तहत क्वार्टर में रहनेवाले सभी रेलकर्मियों को आवास खाली करने की नोटिस भी थमा दी गयी है.
बावजूद कर्मी इसे खाली नहीं कर रहे. इनकी भी मजबूरी है. बाहर में किराया काफी महंगा है. रेलवे जितना भत्ता देती है और इस क्वार्टर में जितनी सुविधा मिल जाती है, उतना बाहर में संभव ही नहीं है. इसलिये जान जोखिम में रहने के बाद भी ये सभी आवास खाली नहीं कर रहे.
600 आवास की जरूरत
जंकशन पर लगभग 600 रेल क्वार्टर की आवश्यकता है. इसमें फिलहाल 168 सही सलामत है. स्वाभाविक रूप से आवास की परेशानी है. पदस्थापित कर्मियों की 60 फीसदी क्वार्टर उपलब्ध होने पर इसकी समस्या नहीं रह जाती.
दरभंगा जंकशन पर रेल कर्मियों के लिये आवास का टोटा है. पुराने क्वार्टर काफी जर्जर हो चुके हैं, इसलिये उन्हें क्षतिग्रस्त घोषित किया गया है. बावजूद रेलकर्मी अपने परिवार की जान जोखिम में डाल कर इसमें रहने को विवश हैं.
दरभंगा : यात्रियों को सुरक्षित यात्रा के लिये खुद को प्रतिबद्ध बताने वाला रेलवे के कर्मी खुद असुरक्षित समय गुजार रहे हैं. करीब दो सौ रेलकर्मियों का परिवार उस आवास में रह रहा है, जो विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त घोषित हो चुका है. किसी भी समय ये क्वार्टर जमींदोज हो सकते हैं. बावजूद मजबूरी में रेल कर्मी अपने परिवार के संग इस आवास में रहने को विवश हैं. कारण इनके रहने के लिये कोई आवास ही उपलब्ध नहीं है.
इस वजह से कई कर्मी क्वार्टर खाली भी कर चुके हैं, लेकिन अभी भी सैकड़ों परिवार एक-एक पल खतरे के बीच गुजार रहे हैं. हालांकि इस समस्या को दूर करने के लिये रेलवे की ओर कवायद चल रही है, लेकिन फिलहाल जो क्वार्टर बन रहे हैं, उससे निकट भविष्य में इस समस्या का मुकम्मल समाधान के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. गौरतलब हो कि दरभंगा रेलवे का सर्वोच्च दर्जा ए-वन ग्रेड स्टेशन है. दर्जे के अनुरूप ही यहां पदाधिकारियों की पोस्टिंग की जाती है. जाहिर है यहां के कर्मियों को भी इसी अनुरूप सुविधा भी मिलनी चाहिये, लेकिन इस ओर विभाग के आला अधिकारी संजीदा नजर नहीं आ रहे.
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