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जद्दोजहद के बाद तीसरे दिन बहाल हुई जलापूर्त्ति

जद्दोजहद के बाद तीसरे दिन बहाल हुई जलापूर्त्ति जंकशन पर दो दिनों तक रेल नीर के लिए भटकते रहे यात्रीवरीय पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दूर हुई समस्यादरभंगा .काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार तीसरे दिन जंकशन पर बोतल बंद पेयजल की समस्या दूर हो गयी. दो दिनों तक इसके लिए परेशान रहे रेल यात्रियों की […]

जद्दोजहद के बाद तीसरे दिन बहाल हुई जलापूर्त्ति जंकशन पर दो दिनों तक रेल नीर के लिए भटकते रहे यात्रीवरीय पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दूर हुई समस्यादरभंगा .काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार तीसरे दिन जंकशन पर बोतल बंद पेयजल की समस्या दूर हो गयी. दो दिनों तक इसके लिए परेशान रहे रेल यात्रियों की समस्या पर तत्काल विराम लग गया. इसके लिए वरीय पदाधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा. वैसे आपूर्ति ठप रहने के कारण का निदान नहीं हो सका, लेकिन तत्काल आपूर्ति शुरू होने से समस्या दूर हो गयी. उल्लेखनीय है कि रेल नीर की आपूर्ति पिछले 3 दिसंबर से ठप थी. आइआरसीटीसी की नई व्यवस्था के बाद उत्पन्न हुई इस समस्या को लेकर दो दिनों तक विभाग भी लापरवाह बना रहा. जंकशन से लेकर मंडल स्तर तक के अधिकारी की गैर संजीदगी की वजह से यात्रियों को इसके लिए काफी मुश्किलों को झेलना पड़ी. अंतत: मुख्यालय ने जब इसे गंभीरता से लिया तब जाकर आपूर्ति बहाल हो सकी. ज्ञातव्य हो कि आइआरसीटीसी ने वेस्टर्न कैरियर को रेल नीर की फ्रेंचाइजी दे रखी है. अपने क्षेत्राधीन इसकी आपूर्ति के लिए इसने राणा को आपूर्ति के लिए ठेका दे दिया. राणा ने दरभंगा में गणेश पूर्वे को अपना सुपरवाइजर बनाते हुए आपूर्ति की देख-रेखा का जिम्मा सौंप दिया. गणेश ने काम संभालने के कुछ दिनों बाद ही सीधे स्टॉल पर काम कर रहे वेंडर को आपूर्ति देने की बात कही. इन्होंने ठेकेदार प्रवीण पोद्दार को पानी देने से मना कर दिया. इनका कहना था कि वे वेंडर को ही आपूर्ति देंगे और उससे ही इसकी कीमत लेंगे, पर वेंडरों ने खुद को ठेकेदार के अधीन काम करने की बात कह सीधे पानी लेने से इंकार कर दिया. बस यहीं मामला फंस गया. पहला दिन तो शिकायत, अनुरोध में ही बीत गया. दूसरे दिन भी रेलवे के अधिकारियों ने कोई तवज्जो नहीं दी. रेल नीर की अनुपलब्धतता को लेकर प्रवीण पोद्दार ने मुख्यालय तक के अधिकारियों के सामने अपनी समस्या रखी. इसी बीच पूर्वे ने स्टॉलों के बगल में रेल नीर रखकर वेंडरों से इसके उपयोग करने को कहा, पर बिना खरीदारी किये इसे बचने में उनलोगों ने असमर्थतता जतायी. तीसरे दिन शनिवार को जब सीसीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश दिया, तब जाकर आपूर्ति बहाल हो सकी. सनद रहे कि रेलवे ने स्टेशनों के साथ ही ट्रेनाें में भी सिर्फ रेल नीर बेचने का ही फरमान जारी कर रखा है. ऐसे में दो दिनाें तक यहां इसके लिए हाहाकार मचा रहा.

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