दरभंगा-कुशेश्वरस्थान व सकरी-हसनपुर के लिए मिली इतनी राशि
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दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेलखंड के लिए मिले एक हजार रुपये
दरभंगा-कुशेश्वरस्थान व सकरी-हसनपुर के लिए मिली इतनी राशि दरभंगा : आम बजट पेश होने के चार दिनों बाद रेलवे की परियोजनाओं में बजटीय प्रावधान की बात सामने आ सकी. इस बार भी मिथिला क्षेत्र की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के प्रति रेलवे की गैरसंजीदगी उजागर हुई है. इसका प्रमाण विभिन्न परियोजनाओं में किये गये नगण्य राशि […]
दरभंगा : आम बजट पेश होने के चार दिनों बाद रेलवे की परियोजनाओं में बजटीय प्रावधान की बात सामने आ सकी. इस बार भी मिथिला क्षेत्र की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के प्रति रेलवे की गैरसंजीदगी उजागर हुई है. इसका प्रमाण विभिन्न परियोजनाओं में किये गये नगण्य राशि के प्रावधान से मिले हैं.
दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेल खंड के निर्माण के लिए बजट में महज एक हजार रुपये का आने वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रावधान किया गया है. इतनी ही राशि दरभंगा-कुशेश्वरस्थान नई रेल लाइन निर्माण के लिए भी दी गयी है. वैसे मुजफ्फरपुर-कटरा-जनकपुर रोड रेल खंड तथा सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेल लाइन निर्माण के लिए भी एक-एक हजार रुपये का प्रावधान हुआ है. स्पष्ट है कि इन परियोजनाओं पर फिलहाल काम शुरू करने की भी कोई योजना नहीं है.
सबसे छोटी इकाई में राशि का प्रावधान कर सिर्फ इन परियोजनाओं का अस्तित्व रखा गया है. दूसरी ओर तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के ड्रीम प्रोजेक्ट सकरी-हसनपुर रेल खंड के लिए भी एक हजार रुपये ही दिये गये हैं. वैसे यह परियोजना पर्यावरण विभाग के कारण अटकी पड़ी है. पिछले वर्ष इसमें 15 करोड़ रुपये मिले थे. इस खंड पर सकरी की ओर से फिलहाल हरनगर तक ट्रेन दौड़ रही है.
दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेल खंड की स्वीकृति आज से करीब 115 वर्ष पूर्व अंग्रेज के जमाने में ही हो गयी थी. 1905 में प्रकाशित जिला गजट में इसका जिक्र मिलता है. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद किसी ने इस ओर तवज्जो नहीं दी. 2008 के बजट में इसकी स्वीकृति मिली. चार दिसंबर को उसी साल तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने सिंहवाड़ा में इसकी आधारशिला रख दी. हालांकि उसी दिन यह पता चला कि इस लाइन को सिंहवाड़ा से होकर गुजरना ही नहीं था.
आनन-फानन में श्री प्रसाद ने एक नई लाइन बनाये जाने का ऐलान कर दिया, जो कि आज तक हवा में ही रह गया. इसके बाद 21 जनवरी 2009 को यहां आये तत्कालीन पूर्व-मध्य रेल महाप्रबंधक गिरीश भटनागर ने अरई तक पटरी बिछाने की घोषणा की. 27 फरवरी 2009 को पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी ने इस रेल खंड को लेकर डीलाही में स्टेशन का शिलान्यास भी कर दिया. वैसे शिलान्यास के बाद रेलवे के अधिकारी शिलापट्ट उठाकर अपने साथ लेकर चले गये. कुल मिलाकर यह परियोजना राजनीतिक आधार वाली बनकर रह गयी. जबकि जन सुविधा के नजरिये से यह काफी महत्वपूर्ण है.
फिलहाल भाया समस्तीपुर करीब 90 किलोमीटर दूरी तय कर मुजफ्फरपुर जाना पड़ता है. वहीं सीतामढ़ी के रास्ते से भी दूरी कुछ इतना ही है. नित्य हजारों लोग मुजफ्फरपुर आवागमन करते हैं. कमोवेश ऐसा ही हस्र दरभंगा-कुशेश्वरस्थान रेल खंड का भी हुआ है. दरभंगा-मुजफ्फरपुर 67 किलोमीटर लंबी यह परियोजना उस समय 281 करोड़ की थी. दरभंगा-कुशेश्वरस्थान 70.14 किमी लंबा रेल खंड की परियोजना 205 करोड़ की थी.
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