Bihar News, सतीश कुमार पांडेय: नरकटियागंज के शिकारपुर थाने के मुरली गांव में बीते दिनों एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने पूरे गांव को भावुक कर दिया है. बुचुन तिवारी, जो 16 साल पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे, अचानक जीवित घर लौट आए.लंबे समय तक खोजबीन और पुलिस-प्रशासन के प्रयासों के बावजूद उनका कोई पता नहीं चल पाया था. हालात इतने निराशाजनक हो गए कि परिवार ने उनके पिता के श्राद्ध के साथ ही बुचुन का भी प्रतीकात्मक श्राद्ध कर दिया था.
एक किसान ने दिया आश्रय
सभी को यही लगा कि बुचुन अब इस दुनिया में नहीं रहे.लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. डेढ़ माह से बुचुन मध्य प्रदेश के दतिया जिले के बड़ौनी थाना क्षेत्र के हिड़ोरा गांव में रह रहे थे. मानसिक रूप से थोड़े कमजोर बुचुन को वहां के किसान हरजेंदर सिंह गुर्जर ने अपने घर में आश्रय दिया था. उन्होंने न केवल भोजन और कपड़े दिए, बल्कि इलाज और देखभाल भी की,जैसे कोई अपने परिजन के लिए करता है.
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लगातार प्रयास करते रहे हरजेंदर सिंह
हरजेंदर सिंह ने बुचुन के परिवार का पता लगाने की ठान ली और लगातार प्रयास करते रहे. आखिरकार, उनके अथक प्रयास रंग लाए और परिवार से संपर्क हो गया. सूचना मिलते ही बुचुन के बड़े भाई ओमप्रकाश तिवारी और भतीजे हिड़ोरा गांव पहुंच गए. अपने 16 साल से बिछड़े भाई को जिंदा देखकर ओमप्रकाश की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. गले लगाकर उन्होंने भाई को महसूस किया और भावुक होकर कहा. आज जैसे मेरी जिंदगी लौट आई है.
परिवार ने हरजेंदर सिंह गुर्जर के प्रति गहरी कृतज्ञता जताई, जिनकी दया और मानवीय संवेदनाओं ने 16 साल पुराना यह बिछड़ाव खत्म कर दिया. ग्रामीण कन्हैया तिवारी, प्रदीप मिश्र, अंटु मिश्र, अरूण कुमार, प्रत मिश्र उर्फ नन्हे ने बताया कि बुचुन जिंदा है और लौट आयें ये बहुत ही खुशी की बात है.
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