बगहा/रामनगर : एसपी शफीउल हक को फर्जी नर्सिग होम में मरीजों के शोषण एवं गरीबों की जिंदगी के साथ सौदेबाजी की सूचना मिली थी. इस पर गोपनीयता बरतते हुए स्वयं एसपी ने सूचनाएं संकलित की. तब जाकर इतनी बड़ी सफलता मिली है. हालांकि स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही के कारण इस तरह का गोरखधंधा फल-फूल रहा था.
संभवत: इसी वजह से फर्जी क्लिनिकों के खिलाफ हुई छापेमारी में स्वास्थ्य महकमे के किसी वरीय अधिकारी एवं स्थानीय चिकित्सकों को शामिल नहीं किया गया था. एसपी ने अभियान चला कर छापेमारी की. एसपी ने बताया कि कुल 13 लोग पकड़े गये हैं. इन सबों के खिलाफ फर्जी ढंग से लोगों को बहला फुसला कर इलाज करने एवं उनका आर्थिक तथा शारीरिक शोषण करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.
छापेमारी का पहला पड़ाव
दिन के 10 :30 बज रहे थे. एसपी शफीउल हक के नेतृत्व में नगर थाना एवं पटखौली ओपी की पुलिस बगहा बाजार में मवेशी अस्पताल के समीप चौधरी फर्मा अस्पताल में पहुंची. वहां मरीजों के जीवन के साथ सौदेबाजी की आंखों देखा हाल एसपी ने स्वयं देखा. फिर क्लिनिक की जांच पड़ताल हुई और मरीज का इलाज करते हुए फर्जी चिकित्सक डॉ मोहन चौधरी को पकड़ा गया.
हालांकि इस फर्जी चिकित्सक के यहां उत्तर प्रदेश और नेपाल से भी लोग अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए आते हैं. इन्हें चाइल्ड स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता है. एसपी ने बताया कि फर्जी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया गया है और क्लिनिक सील कर दिया गया.
छापेमारी का दूसरा पड़ाव
10:50 बजे छापेमारी टीम बगहा के चित्रंगदा सिनेमा परिसर में अवस्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद के क्लिनिक में पहुंची. वहां मरीजों की भारी भीड़ थी.
चिकित्सक मरीज देखने में व्यस्त थे. सजर्री आदि करने में माहिर चिकित्सक को पता चला तो वह खिड़की से कूद कर भाग गया. हालांकि यहां पुलिसिया गुप्तचर के द्वारा सटीक जानकारी नहीं देने के कारण टीम भटक गयी और आंख के डाक्टर की क्लिनिक में चली गयी. हालांकि इस क्लिनिक से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.
तीसरा पड़ाव
11 बज रहे थे. गुदरी बाजार रोड में जनता सेवा सदन में छापेमारी टीम पहुंची. वहां से सजर्री के ढेरों उपकरण बरामद किये गये है. चिकित्सक डा राजेश कुमार को पकड़ा गया. उनके सहयोगी कंपाउंडर सचीन की गिरफ्तारी हुई. ये दोनों बगहा नगर थाने के हाजत में बंद हैं.
चौथा पड़ाव
छापेमारी का चौथा पड़ाव रामनगर से शुरू हुआ. दिन के करीब 12:40 बज रहे थे. एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम नगर के नेपाली टोला में संजीवनी नर्सिग होम में पहुंची. मरीजों से दो मंजिला इमारत खचाखच भरा था. पुलिस को देख भगदड़ मच गयी. अस्पताल के व्यवस्थापक लालबाबू पटेल समेत कंपाउंडर वीरेंद्र और प्रवीन को पकड़ा गया. सजर्री के उपकारण बरामद किये गये.
इस अस्पताल के संचालक फर्जी चिकित्सक डा एन के याद व फरार था. यहां से छह मरीजों को मुक्त कराया गया.
पांचवां पड़ाव
करीब 1 बज रहे थे. शिव मंदिर रोड में अवस्थित अनुपम क्लिनिक में छापा पड़ा. वहां उषा देवी नामक एक महिला पकड़ी गयी. उसके दो नाबालिग पुत्र भी पकड़े गये. ये दोनों बच्चे अपनी मां का क्लिनिक चलाने में सहयोग करते हैं. हालांकि उषा मिश्र यहां महिला चिकित्सक के रूप में विख्यात हैं. इनके पति का भी इस धंधे में हाथ है.
छठा पड़ाव
एसडीपीओ के आवास के समीप संचालित अमन हॉस्पीटल में छापेमारी टीम दिन के करीब 1:30 बजे पहुंची थी. वहां भी संचालक डॉ मकसूद आलम फरार हो गया था. यह कई बार फर्जी अस्पताल के संचालन में आरोपित हो चुका है और जेल भी जा चुका है. उसके अस्पताल से सजर्री के उपकरण और भारी मात्र में एक्सपायरी दवाओं की बरामदगी हुई. सजर्री के छह मरीजों को मुक्त कराया गया. इस अस्पताल से दो लोग टिपू सुल्तान और जावेद की गिरफ्तारी हुई.
सातवां पड़ाव
हिंद सिनेमा के समीप नरैनापुर जाने वाली सड़क में 20 हजार रुपये महीना किराये के आवास में संचालित अपोलो अस्पताल में छापा मारने के लिए पुलिस टीम 2 बजे के आसपास पहुंची थी. उस अस्पताल में एक युवती अपने आपको चिकित्सक बता कर मरीजों का शोषण करती है. इस अस्पताल से एक महिला इंदू मिश्र एवं कंपाउंडर आदित्य यादव की गिरफ्तारी हुई. हालांकि अस्पताल के अंदर छापेमारी नहीं हो सकी. क्योंकि डा मनीषा ने अंदर से ताला जड़ दिया था.
अंतिम पड़ाव
नगर के ऐतिहासिक मस्जिद के सामने जनता अस्पताल में 2:30 बजे छापेमारी हुई. अस्पताल का संचालक गायब था.अस्पताल के बाहर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बखरी के चिकित्सक डा शंकर शर्मा का बोर्ड लगा हुआ था. डा शर्मा भी वहां मौजूद नहीं थे. जब एसपी ने क्लिनिक को सर्च करने का आदेश तो पुलिस पदाधिकारी भौंचक रह गये. पांच अलग – अलग काटरून में सरकारी अस्पताल में सप्लाई दवा का भंडारण किया गया था. उसे जब्त किया गया.