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24 डॉक्टरों के बदले 18 है कार्यरत

बेतिया : एमजेके अस्पताल में 24 के बदले 18 डॉक्टर ही कार्यरत है. जबकि दो चिकित्सक डा.रामायण सिंह व डा.आरबी यादव नौतन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एमजेके में वर्षो से प्रतिनियुक्त है. डॉक्टर की कमी रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में डा.शमीम अख्तर दंत चिकित्सक. डा.एसडी झा […]

बेतिया : एमजेके अस्पताल में 24 के बदले 18 डॉक्टर ही कार्यरत है. जबकि दो चिकित्सक डा.रामायण सिंह व डा.आरबी यादव नौतन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एमजेके में वर्षो से प्रतिनियुक्त है. डॉक्टर की कमी रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अस्पताल में डा.शमीम अख्तर दंत चिकित्सक. डा.एसडी झा शिशु रोग. डा.विजय कुमार, डा.परमानंद प्रसाद, डा.दिवाकांत मिश्र फिजिशियन. डा.अरुण सिंह, डा.श्रीकांत दूबे सजर्न. डा. निखिल कुमार हड्डी रोग. डा.अशोक कुमार चौधरी चलंत क्षेत्र चिकित्सक सह अस्पताल प्रभारी अधीक्षक. डा. विरेंद्र कुमार फिजियोथैरेपिस्ट. स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मिन्नी रानी, डा. मंजु जायसवाल, डा.उषा दास, डा. आकांक्षा श्रीवास्वत, डा. रश्मिनंद कुलियार, डा. किश्वर जबी है.
46 के बदले हैं 23 नर्स कार्यरत
अस्पताल में 46 के बदले 23 नर्स ही कार्यरत है. जिनमें 14 नियमित तथा सात संविदा पर कार्यरत है. इसके अलावा एक नर्स सेवा निवृति के बाद संविदा पर कार्य कर रही है. साथ ही दो एएनएम (ग्रेड बी) भी एमजेके अस्पताल में सेवा दे रही है. जबकि अस्पताल में मरीजों के बेहतर इलाज सुविधा के लिए पर्याप्त नर्सो को रहना जरूरी होता है. नर्स की कमी रहने के बाद भी विभाग द्वारा आज तक नर्स की नियुक्ति नहीं की गयी है.
अस्पताल में कार्यरत नियमित ग्रेड ए नर्सो में प्रभारी मातृका वीणा कालिस, गायत्री श्रीवास्तव, काजल रानी दास, मंजु श्रीवास्तव, मीना सिन्हा, तृष्णा रानी, रीना सिन्हा, सयुक्ता कुमारी, उर्मिला कुमारी, सिस्टर ग्लाडीस जोसेफ, सिस्टर एलिस अगस्टीन, माश्रेल जॉजर्, मोनिका मार्चिनो, आग्नेस क्रिस्टोफर है.
वही संविदा पर कार्यरत परिचारिका श्रेणी ए सिस्टर अनिता टोप्पो, मंजु कुमारी, मीनाक्षी सिन्हा, मनीषा मोरबेन, सोनिया जोसेफ, सिस्टर कांता कूजूर तथा सेवानिवृत के बाद संविदा पर कार्यरत सरोज कुमारी शामिल है.
सरकारी एक्स रे बंद
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों के बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में एक्स रे मशीन लगाया गया है. साथ ही इसके लिए टेक्निशियन सुनील पासवान को नियुक्त भी किया गया है. टेक्निशियन के रहने के बादभी एक्स रे बंद रखा गया है. मरीजों को एक्स रे कराने लिए संविदा पर आधारित एक्स रे मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है.
जिसके कारण सरकार को लाखों रुपये का चूना लग रहा है. यहां बता दे कि हाल में ही विभाग द्वारा नये एक्स-रे मशीन भी अस्पताल को मुहैया करा दी गयी है.

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