बेतिया : जिले में बुधवार की सुबह और फिर दोपहर में हुई ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे सबसे ज्यादा नुकसान आम एवं लीची के किसानों को हुई है. कारण कि आम में पेड़ में मंजर आ गए हैं और ओला गिरने से उसके अधिकांश परागन(पौलेन ग्रेन) झड़ गए हैं. मंजर यानी फूल में उपस्थित परागन से फल निकलते हैं और जब परागन की ही संख्या कम हो गई है, तो आम और लीची के फलों में भारी कमी आएगी.
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ओले के साथ बारिश, किसान हुए मायूस
बेतिया : जिले में बुधवार की सुबह और फिर दोपहर में हुई ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे सबसे ज्यादा नुकसान आम एवं लीची के किसानों को हुई है. कारण कि आम में पेड़ में मंजर आ गए हैं और ओला गिरने से उसके अधिकांश परागन(पौलेन ग्रेन) झड़ गए हैं. मंजर […]
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र माधोपुर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अजित कुमार ने बताया कि ओला वृष्टि से वैसे बागवानी फसलों को हानी नहीं होगी, जिसमें अब तक परागन नहीं हुए हैं, लेकिन जिले में यह स्थिति नहीं है.
यहां की अधिकांश बागवानी फसलों में मंजर आ गए हैं. उधर खेतों में अधिक ओला जमने से संबंधित फसल में कोल्ड इन्जूरी की संभावना प्रबल हो गई है. गेहूं एवं मक्के की फसल में ओला की मौजूदगी से उसके तापमान में भारी गिरावट हुई है. कृषि विशेषज्ञों की माने, तो बर्फ में गुप्त उष्मा के चलते ठोस की स्थिति में उसके तापमान में भारी गिरावट हो जाती है.
यहां तक कि उसका तापमान माइनस 40 डीग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. गिरे हुए इस तापमान में फसलों की सलामती नहीं हो सकती है. इसका सर्वाधिक प्रभाव गेहूं एवं मक्का की फसलों पर पड़ेगा. किसानों को कोल्ड इन्जूरी से बचाव के लिए उन्हें गेहूं, मक्के व बकला की खेत में हल्की सिंचाई की व्यवस्था करने को कहा गया है. ताकि इन फसलों को कोल्ड इन्जूरी से बचाया जा सके. किसानों को हर हाल में हल्की सिंचाई की सलाह दी गई है.
गिरा ठनका, बाल बाल बचा एक परिवार : मैनाटांड. इनरवा थाना क्षेत्र के खम्हिया गांव में बुधवार के दिन ठनका गिर गया. जिसमें एक परिवार बाल-बाल बच गया. घटना के संबंध में बताया जाता है कि खम्हिया निवासी रमेश पड़ित के घर पर ठनका गिरा. परिवार के तीन बच्चे घर में सोये हुए थे तथा एक मवेशी भी बांधी हुई थी तबतक घर के एक कोने पर ठनका गिर गया. जिससे घर के कोने पर आग लग गया. तेज बारिश होने के कारण आग अपने आप नियंत्रण हो गया. जिससे किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई. तीनों बच्चे व मवेशी पूरी तरह सुरक्षित हैं.
ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बर्बाद : मझौलिया. बुधवार को तेज हवा के साथ हुई ओलावृष्टि ने भारी क्षति पहुंचाई है. लगभग 15 मिनट की हुई ओलावृष्टि ने हजारों एकड़ भूमि में लगी गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया है. वहीं ओलावृष्टि के दौरान कुछ लोग घायल भी हो गए हैं. घायलों में भिखारी महतो, शंभू राम, द्वारिका प्रसाद, बिगन मांझी, हरिहर राम आदि ने बताया कि खेती का काम कर रहे थे कि तेज हवा के साथ जमकर ओलावृष्टि होने से वह जख्मी हो गए. सुबह में बारिश हल्की रूप में हुई थी दोपहर में जमकर ओलावृष्टि हुई. इनका आकार 1 से 3 सेंटीमीटर तक का था.
मधुबनी : अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में बुधवार को अचानक हुई बारिश व ओला वृष्टि से किसानों को क्षति का सामना करना पड़ा है. कई जगह गेहूं की फसल, सरसों को नुकसान पहुंचा है. वहीं किसानों द्वारा की जा रही गन्ना बुआई काफी प्रभावित हुआ है.
ठकराहा प्रतिनिधि के अनुसार बुधवार को सुबह से ही तेज हवाएं चलती रही. कभी धूप तो कभी रुक रुक कर बारिश होती रही. दोपहर बारिश के साथ भारी मात्रा में ओले भी पड़े. करीब आधे घंटे तक हुई ओलावृष्टि और बारिश के बाद ठंड बढ़ चला. तापमान में फिर गिरावट दर्ज की गयी. वहीं आलू समेत हरी सब्जियों, सरसों और गेहूं के फसलों को ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी है. करीब आधे घंटे हुई ओलावृष्टि से प्रखंड क्षेत्र के सड़कों और झोपड़ियों पर सफेद चादर नुमा ओला पसरा नजर आया.
मधुबनी प्रतिनिधि के अनुसार अचानक हुई ओलावृष्टि से किसानों को काफी क्षति पहुंचा है. किसानों का कहना है कि दलहन व गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. गेहूं के फसल जो बाली ले लिया था. वह ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुआ है. किसान राज नारायण सिंह, सुबोध सिंह, आमोद मिश्रा, दिनेश पांडेय ने बताया कि फरवरी माह में दुबारा ओलावृष्टि हुई है. जो पूर्व की भांति काफी नुकसानदायक हुई है.
पिपरासी प्रतिनिधि के अनुसार तेज हवा के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से आम जीवन अस्त व्यस्त हो गया. इस दौरान सरेह में काम करने वाले कई मजदूर पेड़ की आड़ में ओला से अपनी जान बचाया. श्रीपतनगर गांव के पूरब सरेह में कार्य कर रहे दर्जनों मजदूर ओलावृष्टि के दौरान आंशिक रूप से चोटिल हुए. किसानों ने बताया कि खेत में सरसों की फसल तैयार खड़ी थी. ओलावृष्टि से कुछ घरों के छप्पर को भी नुकसान पहुंचा है.
चौतरवा प्रतिनिधि के अनुसार अचानक हुई बारिश से किसानों के खेतों व खलिहानों में रखे सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है. वहीं यह बारिश गन्ना फसल के लिए भी नुकसान देय बतायी जा रही है. किसान सुरेश साह, लालबहादुर यादव, उमेश दुबे, बनारसी साह, रामाशंकर पांडेय आदि ने बताया कि लगातार एक एक सप्ताह के अंतराल पर मौसम में आ रही बदलाव से समस्या बढ़ गयी है.
भितहा प्रतिनिधि के अनुसार लगभग 12 बजे दिन में 20 मिनट तक केवल ओलावृष्टि होती रही. जिससे लोगों में काफी अपरा तफरी मची रही. सीओ शिवेंद्र कुमार ने बीएओ श्री लाल प्रसाद से अपील करते हुए कहा कि कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार से ओला वृष्टि से हुई किसानों के फसल का नुकसान का आकलन का प्रतिवेदन मांगा जाये.
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