बेतिया : शहर में एकबार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है. इसका असर है कि एक तरफ नगर परिषद की टीम अतिक्रमण को हटा कर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं, दूसरी तरफ दूसरे दिन ही पटरियों पर सजी दुकानें अभियान की पोल खोल रही हैं. वह भी तब, जब अतिक्रमण हटाओ के नाम पर मोटी रकम खर्च की जा रही है. लेकिन इसका कोई भी सार्थक परिणाम नहीं दिख रहा है. अभियान के बाद शहर में अतिक्रमण की हालत जस-की-तस बनी हुई है.
आलम यह है कि स्टेशन चौक से हरिवाटिका चौक तक सड़कों पर ही ट्रक खड़ा रह रहा है. वहीं हरिवाटिका चौक के
समीप ही दुकानें भी सज गयी हैं.
इसके अलावा सागार पोखरा रोड़ में मंगलवार को ही अतिक्रमणकारी पुन: काबिज हो गये हैं. जबकि समाहरणालय से मुहर्रम चौक तक आने वाली सड़क, नगर भवन रोड़ सहित अन्य जगहों पर अतिक्रमणकारियों ने फिर दुकानें सजा ली है. जिसके कारण अतिक्रमण हटाओं अभियान का असर कही भी नहीं दिख रहा है.
अतिक्रमणकारियों पर जुर्माने का है प्रावधान
अतिक्रमण हटाने के बाद अगर पुन: अतिक्रमण किया जाता है,तो ऐसी स्थित में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जुर्माना वसूलने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रवधान है. लेकिन नगर परिषद प्रशासन शहर से लाखों की राशि खर्च कर अतिक्रमण तो हटा देता है. मगर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं करता है, जिससे उनका हौसला बुलंद होता है. अतिक्रमण हटाने के बाद पुन: वे अतिक्रमण कर लेते हैं.
पुन: अतिक्रमण करनेवालों को चिन्हित किया जायेगा. चिन्हित करने के बाद उनसे जुर्माने की राशि वूसली की जायेगी. अगर उनकी गतिविधि में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
डा़ॅ विपिन कुमार, कार्यपाकल पदाधिकारी, नगर परिषद, बेतिया
तीन चरणों में हटाया जा चुका है अतिक्रमण
नगर परिषद प्रशासन की ओर से लगातार तीन चरणों में अतिक्रमण हटाया गया है. बीते माह में प्रथम व दूसरे चरण में शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के कलेक्ट्रेट से हरिवाटिका व न्यू बस स्टैंड तक अवैध कब्जे हटाये गये थे. जबकि तीसरे चरण में सोमवार को मुहर्रम चौक से सर्किट हाउस होते हुए सागर पोखरा,
नेपाली चौक होते हुए पावर हाउस तक के अतिकमण हटाये गये थे. इस दौरान कहीं शेड व सीढि़यां टूटी. वहीं सड़कों के दोनों तरफ लगे ठेले, अवैध दुकानों, गुमटी एवं अवैध बैनर होर्डिंग के गगपोस्टो को हटाया गया. इतना ही नहीं अस्थायी रूप से सड़क किनारे बनाये गए झोपड़ी व गुमटियों को भी हटाया गया.