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400 आश्रयविहीन परिवारों को आश्रय

पहल बेतिया नप ने नगर विकास विभाग को भेजी सर्वे रिपोर्ट बेतिया : अब शहर के फुटपाथ पर व घुमंतू जीवन बिता रहे आश्रय विहीन परिवारों के अच्छे दिन आने वाले हैं. उनका जीवन बुनियादी सुविधाओं से लैस आसियाने में गुजरेगा. शहरी निराश्रितों यानि आश्रय विहिन परिवारों को आश्रय नगर परिषद प्रशासन मुहैया करायेगा. सभी […]

पहल बेतिया नप ने नगर विकास विभाग को भेजी सर्वे रिपोर्ट

बेतिया : अब शहर के फुटपाथ पर व घुमंतू जीवन बिता रहे आश्रय विहीन परिवारों के अच्छे दिन आने वाले हैं. उनका जीवन बुनियादी सुविधाओं से लैस आसियाने में गुजरेगा. शहरी निराश्रितों यानि आश्रय विहिन परिवारों को आश्रय नगर परिषद प्रशासन मुहैया करायेगा. सभी निराश्रितों को आवास मिले इसको लेकर नप प्रशासन ने शहर के सभी 39 वार्डों में ऐसे परिवारों का सर्वे कराया है. सर्वे में कुल 400 आश्रय विहिन परिवारों को चिन्हित किया गया है.
कार्यपालक पदाधिकारी डा़ विपिन कुमार ने बताया कि सर्वे रिर्पोट आ गया है. रिर्पोट को नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा जायेगा. विभाग की स्वीकृति मिलते हीं सभी आश्रय विहिन परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जायेगा. इओ ने बताया कि आवास दीनदायल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन के तहत उपलब्ध कराया जाना है. यहां बता दें कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर केन्द्र सरकार ने शहरी आश्रय विहिन परिवारों को आवास उपलब्ध करने की योजना बनायी है. सबको आवास मिलने इसको लेकर सरकारी की ओर राशि भी उपलब्ध करायी जायेगी.
सुविधाओं से लैस होंगे आवास
आश्रय विहीन परिवारों को नप की ओर से जो आवास उपलब्ध कराया जायेगा. उसमें मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखा जायेगा. जिसमें हर मौसम में 24 घंटे बिजली, जलापूर्ति, साप-सफाई व सुरक्षा आदि शामिल होगा. इसके अलावे विशिष्ट संवेदनशील वर्गोँ के आश्रितों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों, मानसिक रोगी व गंभीर रूप से बीमार के लिए विशेष आवास का निर्माण करा व विशेष सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित कराना है.
मानक के आधार पर सर्वेक्षण
ऐसा परिवार जिसके पास ना तो अपना व ना ही किराये का मकान हो. जिसमें मार्जिन फुटपाथ, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पार्क, पुल के नीचे, कंस्ट्रक्शन साईट, हृयुम पाइप या खुले आसमान के नीचे जो रात गुजराते हैं. ऐसे लोगों को आश्रय विहिन माना गया है. इसके अलावे स्थानांतरिक रिक्शा चालक, ठेला चालक, थोक बाजार या मंडी में काम करने वाले मजूदर, मानसिक रूप से बीमार, मंद, भिक्षुक, फुटपाथ विक्रेता, स्ट्रीट चिल्ड्रेन, परित्यक्त महिला, वृद्ध, दिव्यांगों को आधार बना कर शहरी आश्रय विहिन परिवारों का सर्वे किया गया है.

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