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दोनों पैरों से लाचार दिनेश घुटने के बल पंजाब से पहुंचे मोतिहारी

हौसला बुलंद हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है. इसकी एक बानगी शनिवार को मोतिहारी के सदर पीएचसी में देखने को मिली. दोनों पैरों से लाचार 40 वर्षीय दिनेश कुमार पंजाब से अपने घर मुफसिल थाना क्षेत्र के चंद्रहिया पहुंच गये. दोनों हाथों में हवाई चप्पल लगाये घुटनों के बल दिनेश अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी हैरान रह गये.

मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : हौसला बुलंद हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है. इसकी एक बानगी शनिवार को मोतिहारी के सदर पीएचसी में देखने को मिली. दोनों पैरों से लाचार 40 वर्षीय दिनेश कुमार पंजाब से अपने घर मुफसिल थाना क्षेत्र के चंद्रहिया पहुंच गये. दोनों हाथों में हवाई चप्पल लगाये घुटनों के बल दिनेश अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी हैरान रह गये.

पंजाब से लेकर मोतिहारी तक पहुंचने में लोगों ने उनकी मदद की. कुछ साल पहले दिनेश के दोनों पैर एक हादसे में कट गये थे. तब से वह अपने जीवन की गाड़ी घुटनों के सहारे ही खींच रहे हैं. दिनेश रोजी-रोटी कमाने के लिए सात-आठ माह पूर्व पंजाब के थना गये थे. वहीं कमा कर अपना जीवन चला रहे थे.

लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया तो पंजाब में गुजारा करना खाने-पीने की परेशानी होने लगी तो दिनेश घर जाने के लिए निकल पड़े. 27 मई को पांच किलोमीटर घुटनों के बल चल कर जीटी रोड पहुंचे. वहां से चार सौ रुपये किराया देकर वह ऑटो से शहानेवाल (पंजाब) पहुंचे. शहानेवाल से वह बस पर सवार होकर दुराहे (पंजाब) स्टेशन पर पहुंचे. वहां पर लोगों ने दिनेश को सीतामढ़ी जानेवाली ट्रेन पर बैठा दिया.

28 मई को वह सीतामढ़ी पहुंच गये. सीतामढ़ी स्टेशन से वह दिनेश घुटनों के बल बस स्टैंड पहुंचे. लोगों की मदद से मुजफ्फरपुर जानेवाली बस पर बैठ गये. 28 मई को ही एक ऑटो के सहारे चांदनी चौक पहुंचे, जहां पुलिसवालों ने दिनेश की मदद की और दिल्ली जाने वाली बस में बैठा दिया. बस ने पीपराकोठी में उतार दिया.

वह 29 को घर पहुंच गये.स्क्रीनिंग में फिट निकलेदिनेश शनिवार की सुबह घुटनों पर चलते हुए चंद्रहिया से राष्ट्रीय एनएच-28 पर पहुंचे. ऑटो को देख हाथ दिया तो उसने बैठा लिया और छतौनी छोड़ दिया. वहां से दो किलोमीटर घुटनों पर चलते हुए स्क्रीनिंग कराने के लिए मोतिहारी पीएचसी पहुंचे. चिकित्सा पदाधिकारी सहित पीएचसी के सभी स्वास्थ्यकर्मी दिनेश को देख कर आश्चर्य में पड़ गये. उनकी स्क्रीनिंग की गयी.

जांच के बाद चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ श्रवण पासवान ने बताया कि वह स्वस्थ हैं.गुटखा बेचकर चलाते हैं जीविकादिनेश कुमार पंजाब में गुटखा बेचकर अपनी जीविका चलाते थे. मुफसिल थाना क्षेत्र के चंद्रहिया गांव के रहनेवाले हैं. उनके दो भाई व दो बहनें भी हैं. एक बहन की शादी हो गयी है. दो भाई उनसे छोटे हैं, जो मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. माता-पिता की मौत हो चुकी है. दिनेश की शादी वर्ष 2000 में हुई थी, लेकिन कुछ ही दिन बाद पत्नी उन्हें छोड़कर चली गयी थी.

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