कोलकाता में फार्म हाउस तो ओड़िशा में है करोड़ों की जमीन
मोतिहारी : बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के चीफ संतोष झा रंगदारी के पैसों से अकूत संपत्ति अर्जित कर चुका है. उसका कोलकाता में फॉर्म हाउस है, तो ओडिशा के झारसुगोड़ा मेंे रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की अचल संपत्ति. इसका खुलासा संतोष का राइट हैंड कुख्यात मुकेश पाठक ने किया है. उसने पुलिस को बताया है कि संतोष के पास करीब 15 से 20 करोड़ की सम्पत्ति अलग-अलग राज्यों में है. अधिकतर प्रोपटी उसने रिश्तेदारों के नाम पर ही खरीदी है. कुछ पैसा बिहार, झारखंड, कोलकत्ता व उड़ीसा के बड़े प्रोपटी डिलरों,ठेकेदारों सहित अन्य कारोबारियों के माध्यम से निवेस कर रखा है.संतोष की सम्पत्ति का खुलासा होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
गोपनीय ढंग से उसकी सम्पत्ति का पता लगाया जा रहा है.उसकी सम्पत्ति की पूरी डिटेल पता कर पुलिस सम्पत्ति जब्त करने के लिए सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. मुकेश को कोलकत्ता के फॉर्म हाउस व उड़ीसा झारसुगोड़ा की सम्पत्ति की जानकारी संतोष की बेटी सोनम से हुई. उसी ने मुकेश को बताया कि कोलकत्ता के फॉर्म हाउस की देखभाल सीतामढी के रून्नीसैदपुर गंगवार निवासी श्यामसुंदर मिश्रा करता है. श्यामसुंदर मिश्रा कोलकत्ता स्थित एक कंपनी पीडीलाइट का कर्मचारी है. श्यामसुंदर का पुत्र प्रभाकर मिश्रा संतोष झा गिरोह का सक्रिय मेम्बर है.उड़ीसा झारसुगोड़ा व उसके आसपास की जमीन संतोष ने किन-किन रिश्तेदारों के नाम खरीदी है,इसकी जानकारी मुकेश को नहीं है.
एक से तीन प्रतिशत निर्माण एजेंसी से होता है डिमांड : मुकेश ने पुलिस को बताया है कि संगठन सिर्फ कंस्ट्रक्शन कंपनियों से रंगदारी वसूलती है. बिहार में काम करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनियों से ठेका के बजट के अनुसार एक से तीन प्रतिशत की रंगदारी वसुला जाता है. रंगदारी की रकम धमकी से नहीं मिली तो कंपनी के पदाधिकारियों की हत्या की जाती है.
कुख्यात संतोष झा की सम्पत्ति का खुला राज
मुकेश पाठक ने पुलिस को दी सारी जानकारी
फॉर्म हाउस की देखभाल करता है श्याम सुंदर
रिश्तेदारों के खाता में जमा है संतोष का पैसा
अधिकतर सम्पत्ति है रिश्तेदारों के नाम
रिश्तेदारों के बैंक खाता में जमा है रंगदारी का पैसा
संतोष झा बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी का सर्वेसर्वा है. संगठन के नाम पर वसूली गयी रंगदारी का अधिकांश पैसा सीधे संतोष को मिलता है. गिरोह के बदमाशों को पैसे की जरूरत पड़ती है तो संतोष से सम्पर्क करते है. वह विश्वासी सदस्यों के हाथों जरूरत के हिसाब से बताये जगह पैसा पहंुचवा देता है.
15 से 40 हजार तक सदस्यों को मिलता है प्रतिमाह : बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी में मुकेश पाठक को छोड़ काम करने वाले अन्य बदमाशों को 15 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह मिलता है. संगठन में मुकेश की हैसियत संतोष के बराबर है. संगठन में लगभग सौ से अधिक लोग शामिल है, लेकिन रंगदारी मांगने व नहीं देने पर गोली चलाने का काम सिर्फ 10 से 15 लोग ही करते है.