अमरेश, मोतिहारीः यासीन भटकल ने एनआइए की पूछताछ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) को भारत विरोधी गतिविधि में शामिल आतंकी संगठनों को आर्थिक रूप से मदद करने की बात कबूल की है. उसने कहा है, भारत में जितनी भी आतंकी वारदात हुई हैं. उन्हें आइएसआइ के इशारे पर अंजाम दिया गया है. यासीन की बातों पर विश्वास करे तो लश्कर-ए-तय्यबा, इंडियन मुजाहिद्दीन सहित अन्य सभी आतंकी संगठनों का रिमोट कंट्रोल आइएसआइ के पास है. ये सभी आतंकी संगठन किसी वारदात करने से पहले प्लानिंग करते है, जबकि आइएसआइ का विंग आतंकियों के प्लान को अंजाम तक पहुंचाने में भूमिका निभाता है.
सूत्रों की मानें तो इंडियन मुजाहिद्दीन का ऑपरेशन हेड यासीन भी आइएसआइ के हाथों की कठपुलती है. यासीन ने आइबी व एनआइए के पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया है कि आइएसआइ का उसके ऊपर प्रतिमाह 15 लाख रुपये का खर्च है. यह पैसे गरीब परिवार के युवाओं पर खर्च कर उसे जेहाद के नाम पर बरगला कर भारत में आतंक फैलाने के लिए तैयार करने पर खर्च होते हैं. यही नहीं यासीन इन्हीं पैसों से स्लीपिंग सेल में काम करने वाले युवकों को मानदेय देने से लेकर गरीब बस्ती से बेसहारा लोगों की मदद भी करता रहा है.
दाउद से कई बार मिला भटकल
मोतिहारी,भटकल से पूछताछ में लगी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी को दाउद इब्राहिम के बारे में जानकारियां मिली है. डॉन के नाम से चर्चित दाउद इब्राहिम व यासीन के बीच गहरा संबंध होने के कुछ साबूत हाथ लगे हैं. सूत्रों की मानें तो आतंकी यासीन भटकल ने कराची आने-जाने की बात स्वीकारी है. दाउद कराची में पनाह लिये हुए है. बताया जाता है, एक नहीं दर्जनों बार यासीन कराची से नेपाल व नेपाल से कराची गया है. इधर, कुछ महीना पहले ही वह कराची से नेपाल आया था. अब वह नेपाल से बंगला देश जाने की फिराक में लगा हुआ था. पांच वर्षो से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के आंखों में धूल झोकने वाला यासीन इस बार नहीं बच सका और बंगला देश जाने से पहले ही अपने साथी असादुल्लाह के साथ पकड़ा गया.