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बाधित की जायेगी स्वास्थ्य सेवा

सदर अस्पताल में सुधार के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम मोतिहार : सदर अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था ठीक नहीं होगी तो 48 घंटे के बाद बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ के सभी चिकित्सक अस्पताल के कार्य को बाधित कर देंग़े हॉस्पिटल मैनेजर व उपाधीक्षक के ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने, मैनेजर द्वारा उगाही व र्दुव्‍यवहार […]

सदर अस्पताल में सुधार के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम
मोतिहार : सदर अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था ठीक नहीं होगी तो 48 घंटे के बाद बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ के सभी चिकित्सक अस्पताल के कार्य को बाधित कर देंग़े हॉस्पिटल मैनेजर व उपाधीक्षक के ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने, मैनेजर द्वारा उगाही व र्दुव्‍यवहार करने सहित अस्पताल की कुव्यवस्था के संबंध में सिविल सजर्न को जानकारी देते हुए संघ ने 48 घंटे में व्यवस्था सुधारने का अल्टीमेटमदिया है़
संघ के सचिव डॉ सच्चिदानंद सिंह ने सीएस को सौंपे गये ज्ञापन में आरोप लगाया है कि चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ अस्पताल के प्रबंधक द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है़ चिकित्सकों द्वारा किये गये हर कार्य में प्रबंधक द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप किया जा रहा है़ सदर अस्पताल में हो रहे कार्य में व्यापक अनियमितता बरती जा रही है़ साथ ही चिकित्सक व कर्मचारियों से उगाही की जा रही है, जिस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए़
ड्यूटी में लापरवाही
चिकित्सकों ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल के प्रबंधक व उपाधीक्षक अपनी ड्यूटी से शुक्रवार की दोपहर गायब हो जाते हैं व सोमवार को दोपहर को आते है़. इसके चलते सदर हॉस्पिटल की व्यवस्था चरमरा जाती है़
नहीं होती सफाई
आउटडोर संचालन से पूर्व सफाई नहीं की जाती है़ आउटडोर के पूर्वी छोर से काफ ी दरुगध आती है़ यहां सफ ाई की जाये व सुगंधित फूल लगाये जाय़े ताकि चिकित्सक आउटडोर में बैठ सके.
मरीजों को परेशानी
दवा वितरण कक्ष को दूसरे जगह हस्तांतरित करने की मांग की गयी है़ आउटडोर के मेन रास्ते में दवा वितरण कक्ष के होने से चिकित्सकों व स्टाफ को आने-जाने में काफी परेशानी होती है़ मरीज व उनके परिजनों को दवा के लिए धूप व बारिश में घंटों खड़ा होनापड़ता है़
सदर अस्पताल के स्थापना काल से ही इमरजेंसी रूप दवा वितरण कक्ष व ड्रेसिंग रूम को चिकित्सकों के विरोध के बावजूद विस्थापित किया जा रहा है़
कार्य में आ रही बाधा
कर्मचारियों को मूल काम में न लगा कर दूसरे कार्य में लगाया जाता है़ ऐसे ही अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है़ ऐसे में यहां पदस्थापित केमिस्ट को उसका मूल कार्य न देकर उसको जख्म प्रतिवेदन संचिका में उलझा दिया जाता है़, जिससे कार्य में बाधा आती है़ चिकित्सकों ने केमिस्ट को इमरजेंसी व ड्रेसिंग रूम में ड्यूटी दी जाये ताकि मरीजों की सेवा की जा सके.
कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
अस्पताल प्रबंधक विजय झा ने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद है़. कहा कि रविवार को भी मुख्यालय से बाहर जाने के लिए सिविल सजर्न से अनुमति लेकर ही जाता हूं. बताया कि हॉस्पिटल की रिमॉडलिंग का कार्य भवन प्रमंडल द्वारा किया जा रहा है़ इससे मेरा कोई संबंध नहीं. बताया कि इन सब आरोपों के पीछे जख्म प्रतिवेदन कार्य में केमिस्ट को लगाना है, जबकि डीएम के निर्देश व सिविल सजर्न के आदेश पर नियमानुकूल मिश्रक को जख्म प्रतिवेदन का कार्य दिया गया है़ मेरा कार्य वरीय पदाधिकारियों के आदेश का अनुपालन करना है़

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