हाल जिला नजारत कार्यालय का
मोतिहारी : कार्यालयों के संचालन के लिए निर्धारित वित्तीय प्रबंधन कार्य में जिले के अधिकारी व उनके नाजिर कितने जिम्मेवार हैं और मापदंड का कितना प्रतिशत अनुपालन करते हैं, प्राप्त आकड़ों को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. हालत यह है कि समाहरणालय स्थित कार्यालयों के अधिकारी वित्तीय प्रबंधन नियमावली की धज्जियां उड़ा रहे हैं और उसे अप-टू-डेट करने में काफी पीछे चल रहे हैं, जिससे वित्तीय अनियमितता होने की चर्चाएं दबे जुबान में की जाने लगी है.
जिला नजारत कार्यालय का जहां विभिन्न बैंकों 34 खाते चल रहे हैं वहीं जिला योजना कार्यालय के 23 खाते बैंकों में है. अनावश्यक खाते अधिक होने के कारण वित्तीय प्रबंधन व रोकड़ बही संधारण में लापरवाही का मामला सामने आने के बाद डीएम रमन कुमार ने गंभीरता से लिया है और अधिकारियों सहित नाजिर पर कार्रवाई का आदेश दिया है. सूत्र के मुताबिक दर्जन भर अधिकारी व नाजिर कार्रवाई के रडार पर आ गये हैं. यहां बता दें कि नजारत कार्यालय पिछले वर्ष घोटाला को ले सुर्खियों में था और कई कर्मी निलंबित किये गये थे.
कार्यालयों का बैंक खाता एक नजर में
जिला नजारत शाखा-34,जिला पंचायत शाखा-2,जिला कल्याण कार्यालय-13,जिला विकास शाखा-10,जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग-12,जिला योजना कार्यालय-23,जिला ग्रामीण विकास अभिकरण-8,जिला भू-अर्जन कार्यालय-14 व जिला परिवहन कार्यालय के दो खाते चल रहे हैं.
प्राइवेट बैंकों में भू-अर्जन कार्यालय ने जमा किया करोड़ों रुपये
जिला भू-अर्जन कार्यालय तो अन्य कार्यालयों से भी आगे निकला और प्राइवेट बैंक में खाते खोल कर करोड़ों रुपये जमा कर दिया.जबकि वित्त विभाग का सीधा निर्देश है कि राशि राष्ट्रकृत बैंकों में ही जमा करनी है. एचडीएफसी बैंक में 21,6644928 रुपये, आईसीआइसीआई में 2,10725 रुपये व आईडीबीआई बैंक में रूपेय जमा है. आखिर किन परिस्थिति में इन बैंकों में खाता खोल राशि जमा की गयी,इसकी भी जांच होगी.
इनसे मांगा गया स्पष्टीकरण : जिला नजारत कार्यालय के नाजिर,जिला पंचायत प्रशाखा के नाजिर,आइसीडीएस कार्यालय के नाजिर,परिवहन व विकास शाखा ने नाजिरों से डीएम ने जवाब-तलब किया है. जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.