मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : शहर के कचहरी बैंक एसबीआइ करेंसी चेस्ट शाखा में करीब 14 करोड़ की गड़बड़ी मामले की जांच तेज हो गयी है. आरबीआइ और एसबीआइ के वरीय अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार नोट गड़बड़ी में शून्य वैल्यू के भी भारी मात्रा में रुपये हैं. 14 करोड़ रुपये में अधिकतर चलन के लायक नहीं हैं.
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2016 से चल रहा था खेल 14 करोड़ की मिली गड़बड़ी
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : शहर के कचहरी बैंक एसबीआइ करेंसी चेस्ट शाखा में करीब 14 करोड़ की गड़बड़ी मामले की जांच तेज हो गयी है. आरबीआइ और एसबीआइ के वरीय अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार नोट गड़बड़ी में शून्य वैल्यू के भी भारी मात्रा में रुपये हैं. 14 करोड़ रुपये […]
यह मामला नोट रिफंड रूल का पालन नहीं किये जाने के कारण उजागर हुआ है. शून्य वैल्यू का रुपया उसे माना जाता है, जो बाजार में चलने लायक नहीं है, जो रुपये जब्त कर अधिकारियों द्वारा पटना ले जाया गया है, उसमें आधा कटा-फटा, गंदा नोट भी शामिल है.
नियम के मुताबिक जले या कटे-फटे नोट को जब भी बैंक में जमा कराया जाता है, उसी वक्त फाॅर्म भरकर आरबीआइ को भेज दिया जाता है. भेजी गयी राशि के एवज में राशि मिलान के बाद पुराने के बदले नये नोटों को बैंक में रिफंड कर दिया जाता है.
नोट मिलान के बाद बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आयी तो मामले को सीबीआइ को भी सौंपा जा सकता है, वैसे यह भी कहा जा रहा है कि नौ अधिकारी व कर्मियों के निलंबन के पीछे उद्देश्य यह है कि पुराने कर्मियों को सिस्टम से हटा दिया जाये, ताकि जांच कार्य प्रभावित न हो. गौरतलब है कि एसबीआइ की इस शाखा में नोट गड़बड़ी का मामला 2016 से ही चल रहा है.
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