मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि सामुदायिक विकेंद्रीकरण से ही बिहार में जल स्तर ठीक रहेगा. इसी के माध्यम से जहां का पानी है वहीं उसे संरक्षित करने की पूरी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.
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मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि सामुदायिक विकेंद्रीकरण से ही बिहार में जल स्तर ठीक रहेगा. इसी के माध्यम से जहां का पानी है वहीं उसे संरक्षित करने की पूरी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए. जल संरक्षण के लिए धरती के ऊपर ताल, पाल व झाल लगाने की जरूरत है. […]
जल संरक्षण के लिए धरती के ऊपर ताल, पाल व झाल लगाने की जरूरत है. राजेंद्र सिंह ने इसको विस्तार से बताते हुए कहा कि जहां प्राकृतिक झील है वहां ताल बनाना चाहिए. जिस गांव में पानी प्रवेश करता है वहां पाल की व्यवस्था होनी चाहिए.
इसी तरह से जहां नदी बहती है वहां झाल बनाना चाहिए. वे गुरुवार को गांधी संग्रहालय के सभागार में आयोजित जल, जन जोड़ो अभियान को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पानी की जमीन को केवल पानी के लिए ही छोड़ देना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि जल संरचनाओं की पहचान कर उसमें बेहतर ढंग से जल को संरक्षित किया जा सकता है. इससे समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा.
उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या, बिहार की खेती व उद्योग की जरूरत को पूरा करने से ज्यादा बिहार में पानी है. अगर सरकार समय रहते ध्यान नहीं देगी, जनता जागरूक नहीं होगी, तो आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो जायेगी. जल संरचनाओं की पहचान कर उनका सीमाकांन होना चाहिए. उन्हों कहा कि आम आदमी को इसके लिए खुद आगे आना चाहिए.
वर्षा ऋतु से जोड़ें फसल चक्र
बिहार को पानीदार बनकर रहना है तो फसल चक्र को वर्षा ऋतु से जोड़ना होगा. बिहार कभी पानी के मामले में दुनिया का गुरु था. अब गर्मी में संकट के हालात बनने लगे हैं. अच्छी बारिश के कारण जलस्तर ऊपर आया है, तो इसे बचाकर रखना होगा. यह कहना है कि जल पुरुष राजेंद्र प्रसाद का.
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