मोतिहारी : शहर के धर्मसमाज चौक स्थित अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय में 30 लाख 79 हजार रुपये गबन का मामला सामने आया है. कॉलेज के प्रबंध समिति की बैठक में गबन उजागर होने पर जांच के लिए कमेटी गठित की गयी.
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एएन कॉलेज में 30 लाख 79 हजार का गबन
मोतिहारी : शहर के धर्मसमाज चौक स्थित अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय में 30 लाख 79 हजार रुपये गबन का मामला सामने आया है. कॉलेज के प्रबंध समिति की बैठक में गबन उजागर होने पर जांच के लिए कमेटी गठित की गयी. कमेटी की जांच में गबन का मामला सही पाया गया. उसके बाद कॉलेज के […]
कमेटी की जांच में गबन का मामला सही पाया गया. उसके बाद कॉलेज के प्राचार्य नर्मेदेश्वर प्रसाद सिंह ने पूर्व प्राचार्य राकेश कुमार सिंह के विरूद्ध प्राथमिकी के लिए सोमवार को नगर थाना में आवेदन दिया है.कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राकेश कुमार सिंह आदापुर अररा गांव के रहने वाले है. नगर इंस्पेक्टर आनंद कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी है.
कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य नर्मेदेश्वर प्रसाद सिंह ने पुलिस को बताया है कि पूर्व प्राचार्य राकेश कुमार सिंह के कार्यावधि में उनके कार्यकलाप व वित्तिय अनियमितता की जांच करायी गयी. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया. जांच में सामने आया कि पूर्व प्राचार्य ने कॉलेज कोष राशि का 30 लाख 79 हजार रूपये गबन किया है.
जांच में यह भी बात समाने आयी है कि पूर्व प्राचार्य ने अपने कार्यकाल के सारे कागजात गायब कर दिया है. जांच कमेटी ने उनसे कागजात मांगी तो उन्होंने एक भी कागजात न तो उपलब्ध कराया, नही जांच में सहयोग किया. प्रोफेसर से लेकर कर्मी तक से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पूर्व प्राचार्य राकेश कुमार सिंह ने कॉलेज संबंधि सारे कार्य यथा शुल्क संग्रह से लेकर छात्रों का शोषण कर अवैध वसूली के लिए भंडारपाल राजेश कुमार व प्रयोगशाला सहायक अरूण कुमार सिंह को मिला कर रखा था. कुछ राशि पूर्व प्राचार्य के निजी बैंक खाता व और शेष राशि वसूली करने वाले व्यक्तियों के बीच बंदरबाट कर लिया गया.
प्रबंध समिति ने जांच के लिए बनायी थी कमेटी, गबन में फंसे पूर्व प्राचार्य
वर्तमान प्राचार्य ने नगर थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी, जांच शुरू
ईंट से लेकर चौखट-खिड़की तक बेच डाला
जांच रिपोर्ट में पूर्व प्राचार्य ने बिना आदेश कॉलेज के भवन को तोड़ दिया. वहीं ईट से लेकर चौखट-खिड़की को 21 हजार पांच सौ में बेच पैसा हड़प लिया. बेचे गये चौखट-खिड़की का पैसा उनके द्वारा कॉलेज कोष में जमा नहीं किया गया. पूछने पर उन्होंने कोई संतोषपद्र जबाव भी नहीं दिया.
कॉलेज की रसीद मिली नहीं मिला पैसे का हिसाब
वर्ष 2014 से 2018 तक सत्र तक नामांकन फॉर्म, 11 वी जांच परीक्षा, रजिस्ट्रेशन फी, कॉस्ट ऑफ रेमिटेन्स फी, 12 वी जांच परीक्षा सहित विभिन्न तरह के फी का रसीद पूर्व प्राचार्य द्वारा काटा गया है, जिसका कूल हिसाब 30 लाख 79 हजार रुपये है. एक पैसा भी कॉलेज के कोष में जमा नहीं हुआ है.
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