मोतिहारी : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में चंपारण रन के तहत स्वच्छता व खुले में शौच से मुक्ति के लिए पूर्वी चंपारण के डीएम रमण कुमार तीन दिनों में 100 किमी की पदयात्रा कर स्वच्छता जागरूकता का शतक लगायेंगे. इस दौरान दो स्थानों पर रात्रि विश्राम करेंगे, जहां गंवई विछावन पुआल पर सोयेंगे और दातून से मूंह धोयेंगे. यहीं नहीं खान-पान भी गंवाई होगा,
जिसमें भात-दाल, सब्जी के अलावा साग भी शामिल होगा. इस यात्रा का उद्देश्य गांधी के सत्याग्रह की भूमि को उनके संदेश के अनुरूप स्वच्छ व शौचमुक्त बनाने का है. कार्यक्रम की जिम्मेवारी अरेराज एसडीओ विजय कुमार पाण्डेय को सौंपी गयी है. यात्रा में अधिकारियों की टीम भी रहेगी. 23 दिसंबर को ऐतिहासिक चंद्रहिया से सुबह आठ बजे पदयात्रा की शुरुआत होगी, जो कवलपुर चौक, बोरिंग चौक, हरसिद्धि बाजार, इब्राहिमपुर राय कररिया, बनकटवा, लौरिया स्तंभ, अरेराज चौक, सोमेश्वरनाथ मंदिर, सटहां चौक, झखरा गांव, मुंडा, दमड़ी अशफी उच्च विद्यालय, संग्रामपुर प्रखंड, मध्य विद्यालय मतवा राम भवानीपुर, खजुरिया चौक होते हुए 25 दिसंबर को केसरिया बौद्ध स्तूप पहुंचेगी. इस दौरान दिन का भोजन तुरकौलिया गांधी घाट, लौरिया व भवानीपुर में होगा.
सत्याग्रहियों का रात्रि विश्राम रायकररिया व संग्रामपुर में होगा. इस यात्रा का उद्देश्य चंपारण को खुले में शौच से मुक्ति दिलाना और रास्ते में पड़नेवाले ग्रामीणों से मिली समस्या सुनना व गांधी जी के बताये स्वच्छता का मंत्र देना है. डीएम रमण कुमार ने बताया कि शौचालय हर घर के लिए उपयोगी है. ऐसे में योजना को नजर अंदाज कर लोगों को स्वयं अपने घर शौचालय बनाना चाहिए. इस कार्यक्रम से शासन में निचले स्तर पर कार्य करनेवाले लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी. जहां रात्रि विश्राम होगा वहां ग्रामीण, जनप्रतिनिधि आदि का चौपाल लगेगा, जिसमें सबकी बात सुनकर समस्या समाधान की दिशा में भी कदम उठाये जायेंगे. संभावत: पूर्वी चंपारण के पहले जिलाधिकारी है, जो 100 किमी की पदयात्रा कर रहे है.