बक्सर. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ एवं आर्सेनिक मुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केशवपुर जलापूर्ति केंद्र के अंतर्गत कई टंकियों का निर्माण किया गया है. इन्हीं में से एक सोनवर्षा की टंकी है, जिसके माध्यम से आसपास के गांवों को साफ पानी उपलब्ध कराया जाता है. सरकार की ओर से यह व्यवस्था इसलिए विकसित की गई थी ताकि जलस्रोतों में बढ़ रहे आर्सनिक तत्वों और प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रामीणों को राहत मिल सकें. लेकिन विगत 12 दिनों से इस टंकी से जल आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, जिसके कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभागीय जानकारी के अनुसार टंकी से जुड़े मोटर में लगे स्टार्टर के जल जाने के कारण पानी की सप्लाई बंद हो गयी है. मामूली तकनीकी खराबी होने के बावजूद 12 दिनों तक समस्या का समाधान न होना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है. केशवपुर जलापूर्ति केंद्र का संचालन एवं देखरेख एबीएन प्लानर को पांच वर्ष के लिए दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी की ओर से समय पर मेंटेनेंस न किए जाने के कारण टंकी बार-बार खराब होती रहती है.जलापूर्ति बाधित होने से सोनवर्षा, उमरपुर, मुगरोल सहित कई गांवों के लोग स्वच्छ पानी से वंचित हैं. मजबूरन वे पारंपरिक निजी बोरिंग या चापाकलों का पानी उपयोग कर रहे हैं, जिनमें बढ़ते आर्सेनिक तत्वों के कारण बीमारियों का खतरा अधिक है. ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र में भूजल में आर्सेनिक और आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है. ऐसे में सरकारी जलापूर्ति ही सुरक्षित विकल्प बचता है. लेकिन उसकी भी आपूर्ति बंद हो जाने से लोगों की दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो गयी है. वहीं बच्चों और बुजुर्गों में दूषित पानी के कारण पेट और त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. ग्रामीण सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि कई बार संबंधित विभाग को सूचना दी गई, लेकिन अब तक कोई तकनीकी कर्मचारी मरम्मत के लिए नहीं पहुंचा. लोगों ने एबीएन प्लानर पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कंपनी को सरकार से नियमित भुगतान मिलता है, फिर भी समय पर मरम्मत नहीं करवायी जाती. जब इस संबंध में कार्यपालक अभियंता राहुल कुमार से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस खराबी की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वे मामले को देखकर आवश्यक कार्रवाई करवायेंगे.
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