राजपुर
. थाना क्षेत्र के मंगराव गांव निवासी युवक शमीम अख्तर साइबर ठगी का शिकार हो गया है. जिसको लेकर उसने साइबर थाना में लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाया है.पुलिस को दिये आवेदन में बताया है कि वह सोमवार की दोपहर किसी काम में व्यस्त था. तभी अचानक उसके व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि तुम्हारे पड़ोस का दोस्त किसी काम को लेकर पुलिस कस्टडी में है जिसको छुड़ाना है. जिस मैसेज के बाद उसने उसे संदेश भेजा. पुनः उधर से मैसेज आया जिसकी जांच के लिए शमीम ने अपने पड़ोसी दोस्त के नंबर पर फोन लगाया जो बाहर विदेश में रहता है. उस समय वह फोन को रिसीव नहीं कर पाया. यह समझा कि वह जरूर किसी मुसीबत में है. यह समझकर उसने साइबर ठग के खाते में कई किस्तों में महज कुछ ही देर में एक लाख 90 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया. उसके कुछ ही देर बाद जब उसके नजदीकी दोस्त ने फोन कर अपने समाचार के बारे में जानकारी दिया और पैसा नहीं मांगने की बात कहा तो उसके होश उड़ गये. अचानक जब उसने जांच किया तो वह खाता महाराष्ट्र के बैंक के किसी व्यक्ति के नाम पर है. अपने आप को साइबर ठगी का शिकार होने के बाद उसने तुरंत ऑनलाइन साइबर क्राइम ब्रांच को फोन कर अपने खाते से गायब रुपये की शिकायत कर मामले को दर्ज कराया. उस खाते को फिलहाल बंद कराया. विदित हो कि इससे पहले भी इस तरह के कई लोग साइबर क्राइम के शिकार हो चुके हैं. अकोढ़ी गांव निवासी एक किसान दुधारू गाय खरीदने के चक्कर में साइबर क्राइम का शिकार हो गए थे. यूट्यूब पर कहानी देख उन्होंने राजस्थान में फोन लगा दिया. जिसने गाय देने के लिए नगद राशि की डिमांड कर दिया और उन्होंने राशि भेज दिया. लेकिन गाय उनके घर तक नहीं पहुंची. इसके अलावा भी कई अन्य लोग इस तरह के शिकार हो चुके हैं. इस मामले में थाना अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि आमजनों से अपील की जाती है कि आपके मोबाइल फोन पर किसी बैंक के तरफ से फोन आने की बात होती है तो उसे स्वीकार नहीं करें. सही तरीके से जांच कर ही कहीं पैसे का लेनदेन करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

