डुमरांव
. डुमरांव विधायक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने शनिवार को जीविका के ”अनमोल जीविका महिला संकुल संघ” के जीविका दीदियों के साथ संवाद किया. संवाद के दौरान छह पंचायत की जीविका दीदियों एवं जीविका काॅडरों ने हिस्सा लिया. जीविका दीदियों एवं कैडरों ने माननीय विधायक के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा. डुमरांव विधायक ने कहा कि बिहार की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम् भूमिका निभा रही डेढ़ लाख जीविका कैडरों और दीदियों को जीविका मिशन का बेसिक कैडर घोषित करने तथा उनके सम्मानजनक मानदेय की मांग विधानसभा सत्र के दौरान उठाया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार ”महिला संवाद” के बहाने चुनाव की तैयारी में सैकड़ो करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है. जबकि जीविका कैडरों और दीदीयों को सम्मानजनक मानदेय तक नहीं दे रही है. स्पष्ट है कि सरकार की योजनाओं का लाभ लाभुकों को नहीं मिल रहा हैं फिर भी सरकार सैकड़ो, करोड़ों रुपए खर्च कर सिर्फ यह बताना चाहती हैं कि सरकार ने आपके लिए क्या कर रही है. ये बात भी जरूरी है कि सरकारी योजना के जानकारी के अभाव में योजना से गरीब वंचित हो रहे हैं तथा अधिकारीयों व कर्मचारियों के मिलीभगत से ये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहें है. हमने जीविका दीदियों के प्रशिक्षण का प्रश्न उठाया था परन्तु सरकार दीदियों को प्रशिक्षण देने के बजाय उन्हें मोहरा बनाकर अधिकारीयों के माध्यम से पुरे पैसे का बंदरबांट कर रही है. फिलहाल ”महिला संवाद” में भी यही हो रहा है जिसमें जीविका दीदियों और कैडरों को अपनी समस्याओं एवं मांगों को रखने से अधिकारीयों द्वारा साफ-साफ मना किया गया है. यह पूरा ”महिला संवाद” कार्यक्रम लोगों को सरकारी तन्त्र के सहारे दिग्भ्रमित कर चुनाव प्रचार का एक बड़ा प्लान है. ऐसे ही लोकसभा चुनाव के समय भी ”विकसित भारत” आभियान चलाया गया. लेकिन उससे आम जनमानस में कोई फायदा तो नहीं पहुंचा पर सरकार द्वारा करोड़ो रूपये खर्च जरूर किए गए. जबकि इनके मानदेय से सम्बंधित मामले को विधानसभा में भी उठाया गया पर अभी तक कुछ नहीं हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है