राजपुर
. प्रखंड के सभी पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सुबह होते ही कचरे का उठाव शुरू कर दिया गया है. स्वच्छता कर्मियों ने गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने के लिए सुबह होते ही दरवाजे पर पहुंचकर सीटी बजाते हैं. जिसकी आवाज सुनकर लोग अपने घरों से निकलकर अपने कचरे को इनके डिब्बे में डाल देते हैं. इस बात की चर्चा अब हर लोगों की जुबान पर होने लगी है.भले ही गांव के लोग इसे समझने में देर कर रहे हैं.सच्चाई है कि सरकार के तरफ से संचालित स्वच्छता अभियान की झलक अब गांव में दिख रही है.गांव की गलियों में सफाई के साथ कचरे का उठाकर उन्हें गांव से बाहर कहीं ढेर किया जा रहा है. इसके लिए कचरा प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया गया है. जहां सुखे एवं गीले कचरे को अलग-अलग रखकर इसका प्रबंध किया जा रहा है. गांव में मिलने वाला अधिकतर कचरा जैविक है. जिसका जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जाएगा.इस स्वच्छता का नजारा मंगराव पंचायत के स्वच्छता पर्यवेक्षक धर्मदेव राम के नेतृत्व में स्वछता कर्मी घर-घर पहुंच कर घर वालों को सफाई के साथ अलर्ट भी कर रहे हैं.स्वच्छता कर्मियों ने कहा की महीना पूरा होने वाला है. इसके लिए 30 रुपये देना होगा. स्वच्छता कर्मी मेघनाथ राजभर कचरा उठाव के लिए ठेला के साथ अपनी वर्दी में हेलमेट पहन कर निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं. स्वच्छता अभियान को लेकर इस प्रखंड के नागपुर, देवढिया, खीरी एवं अन्य पंचायत में भी इसकी चर्चा है.हालांकि पहले की अपेक्षा अब गांव में प्रवेश करने वाली सड़के स्वच्छ है. फिर भी कहीं-कहीं लोगों में जागरूकता के अभाव में गंदगी है. जिसको शीघ्र ही दूर करने के लिए गांव के ग्रामीण भी अब जग रहे हैं. खुले में शौच से मुक्ति मिले अब गांव के लोग शौचालय का बखूबी उपयोग भी कर रहे हैं. आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर अब गांव भी शहर की तरह होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

