बक्सर
. जिले में संध्या छह बजे अचानक मूसलाधार बारिश होने से नगर के लोगों की समस्या बढ़ गई. नगर के गलियों में पानी जमा हो गया. जिससे लोगों की आवागमन को लेकर परेशानी बढ़ गई. नगर के स्टेशन रोड के साथ ही विभिन्न मुहल्लों में जल जमाव हो गया है. नगर के मेन रोड के साथ ही अन्य मुहल्लों के सड़कों पर भी जल जमाव कुछ ही समय के मूसलाधार बारिश के कारण हो गया है. नगर के सड़कों एवं गलियों व मुहल्ले में जल जमाव से नगर परिषद की मॉनसून पूर्व नालियों की सफाई का भी पोल खोल दिया है. जबकि यह पहली मूसलाधार बारिश है यदि मॉनसूनी बारिश का आगाज होता है तो पूरा नगर परिषद क्षेत्र नरक परिषद क्षेत्र में बदल जाएगा. सर्वाधिक परेशानी बीबीगंज, बाबा नगर के साथ ही नया बाजार मुहल्ले के लोगों को है. जहां से नगर परिषद से अबतक जल निकासी की मुकम्मल व्यवस्था पूरी नहीं हुई है. पक्की नालियों का निर्माण नहीं हुआ है. जिसके कारण इन क्षेत्र के लोगों को प्रतिवर्ष जल जमाव की परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके साथ ही पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है. इसके साथ ही बारिश की वजह से किसानों के चेहरे खिल उठे है. काफी मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी का भराव हो गया है. किसान अब अपने खेतों में कृषि कार्य शुरू कर सकते है. यह बारिश अगले चार दिनों तक होने की संभावना जताई गई है. मॉनसूनी बारिश से किसानों को काफी लाभ हुआ है. लंबी अवधि वाले धान की रोपनी कर सकते है.नगर के ज्यादातर वार्ड हुए जलमग्न मूसलाधार बारिश के कारण नगर परिषद क्षेत्र के लोगों की समस्या बढ़ गई है. संध्या समय में हुई बारिश से नगर के ज्यादातर नली गली एवं मुहल्ला जलमग्न हो गया है. जिसमें बक्सर स्टेशन रोड में भी कई जगहों पर जल जमाव हो गया है. इसके साथ ही नगर के गजाधरगंज, मुसाफिरगंज, बाबा नगर, शहर के मेन रोड, सिविल लाइंस, बीबीगंज, नया बाजार, कोईरपुरवा व नगर परिषद के पिछे स्थित नई बस्ती, जासो रोड, चीनी मिल समेत अन्य कई मुहल्लों में पानी का जमाव हो गया है. किसानों के खिले चेहरे : जिले में हुई बारिश से एक तरफ नगर के लोगों की परेशानी बढ़ी है वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे खिल उठा है. रोहणी नक्षत्र में बीजाई करने वाले किसानों ने अपने खेतों को तैयारी करने में जुट गये है. अपनी मेढ़ों को ठीक करने तथा उंचाई बढ़ाने में जुट गये है. जिससे बारिश के पानी को खेतों में इकठ्ठा कर किसानी शुरू की जा सके. इसके साथ ही लंबी अवधि के धान के बीचड़े की रोपाई समय से किया जा सके. कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों को अपने मुख्य खेतों के मेढ़ों को व्यवस्थित करने तथा जल संग्रहण को लेकर तैयारी करने की अपील किया है. मेंढ़ो को उंचा करने की अपील किया है जिससे खेतों में पानी को रोका जा सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

