बक्सर .
बक्सर में गंगा ने बाढ़ के खतरे की घंटी बजा दी है. क्योंकि नदी का पानी लाल निशान छूने को बेताब है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नतीजा यह है कि शनिवार की शाम को गंगा का जलस्तर लाल निशान से मात्र 18 सेंटीमीटर दूर था और एक सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से पानी बढ़ने का सिलसिला जारी था. जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा व सहायक नदियों के तटीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वे अब सुरक्षित जगह की तलाश में जुट गए हैं. इधर नालों के सहारे बक्सर शहर के निचले हिस्सों में भी पानी प्रवेश कर गया है. रामरेखाघाट समेत अन्य घाटों की सीढ़ियां डूब गई हैं और पानी का तेज धार चल रहा है. श्मशान घाट स्थित मुक्ति धाम पूरी तरह जलमग्न हो गया है. इसके चलते वहां शव दाह करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गंगा के दियारा क्षेत्रों में कई गांवों का संपर्क भंग हो गया है. वही कर्मनाशा नदी में उफान से कई गांवों के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस बार के रिकार्ड स्तर पर पहुंचा गंगा का जलस्तरइस बार मानसून होने के बाद गंगा का जलस्तर पहली बार अपनी उच्चतम ऊंचाई पर पहुंच गया है. इससे पहले एक सप्ताह पूर्व गंगा का जलस्तर 59.88 मीटर पर पहुंचने के बाद स्थिर हो गया था और धीरे-धीरे नीचे खिसकने लगा था. परंतु शनिवार की शाम 06 बजे गंगा का जलस्तर 60.14 मीटर दर्ज किया गया. जो इस साल के जलस्तर वृद्धि का उच्चतम रिकार्ड है. बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर तथा खतरे के निशान 60.32 मीटर है. ऐसे में गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल से मात्र 18 सेमी दूर था. सीडब्लूसी की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को अपराह्न 4 बजे से पहले 2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था, लेकिन शाम 5 बजे से 01 सेमी प्रति घंटा की वृद्धि दर्ज की गई. एक दिन पूर्व पार किया था चेतावनी बिंदुएक दिन पूर्व शुक्रवार को गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को क्रॉस कर 59.59 मीटर हो गया था. जो खतरे का निशान 60.32 मीटर से 73 सेंटीमीटर कम है और था 02 सेंटीमीटर प्रति घंटा के हिसाब से बढ़ रहा था. इस तरह जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 55 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई.बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्टगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने के बाद प्रशासनिक बेचैनी बढ़ गई है. जिला पदाधिकारी डॉ.विद्या नंद सिंह द्वारा प्रशासनिक अलर्ट जारी कर दिया गया है. उनके आदेश पर गंगा में नावों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अंचल पदाधकारियों को राहत शिविर की तैयारी करने की हिदायत दे दी गई है. वही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को बक्सर-कोईलवर तटबंध की दिन-रात सतत निगरानी करने तथा उसकी पूर्ण सुरक्षा की व्यवस्था करने को नसीहत दी गई है.
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