डुमरांव. नगर परिषद कार्यालय से चंद कदम दूरी पर हरी जी के हाता स्थिति बस्ती की स्थिति नारकीय बन चुका है. हल्की सी बारिश होते ही लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने लगता है. इस मुहल्ले की नारकीय स्थिति नगर परिषद के विकास का पोल खोल रहा है. मुहल्ले के रहने वाले डाॅ. बीएल लाल प्रवीण ने बताया कि पिछले छह माह से इसकी जानकारी नगरपरिषद के इओ व स्वच्छता पदाधिकारी को लिखित आवेदन तथा मेल के माध्यम से दिया गया है. लेकिन आज तक इस मामले पर संज्ञान नहीं लेना नगरपरिषद के लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति लगभग सात महीनों से कायम है हर तरफ नाली जाम है. जिसके कारण पानी का निकास नहीं हो पाता है.
बताते चलें कि नगर स्थित हरिजी के हाता के वार्ड संख्या 22 का स्थिति पुरी तरह से नारकीय बन चुका है. कारण इस मोहल्ले की नालियां जाम होने के कारण बजबजा रही है, नाला सफाई नहीं होने के कारण आये दिन लोगों को भारी परेशानियों के सामान से गुजरना पड़ता है. डॉ बीएल प्रवीण ने बताया कि नाला के निचले सतह पर इतना गाद बैठ गया है कि थोड़ा सा बरसता होने पर पानी बाहर निकलने के बजाय लोगों के घरों के अंदर घुसने लगता है. परेशान होकर मुहल्ले के लोग कई बार इसकी शिकायत लिखित व मेल के माध्यम से नगर परिषद के अधिकारियों से की फिर भी अभी तक इसका कोई निदान नहीं हो पाया.
जाम नालियां अंधेरे में डूबा रहता मोहल्ला : बजबजाती नालियां और अंधेरे में डूबा हुआ मुहल्ला, यही पहचान रह गई है, इस वीआइपी मुहल्ले की. रात में हरि जी के हाता स्थिति सड़क पर चलना किसी संगीन खतरे से कम नहीं? क्योंकि इस मुहल्ले में शाम होते ही चारों तरफ लाइट के अभाव में मोहल्ले अंधेरे के आगोश में समा जाता है.
हरिजी के हाता, वार्ड नं 22 थाना के ठीक पीछे वाली गली, जिसे डुमरांव के लाइफ लाइन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी हालात दिन पर दिन खस्ता होते जा रहा है. हालात यह हो गया है कि थोड़ा भी बरसात हो जाए तो सड़क पर पानी लग जाता है. स्थानीय मुहल्ले के रहने वाले हरेराम मिश्र ने बताया कि छोटी-छोटी नलियां तो पट गई है किंतु मुख्य सड़क की नाली का सारा कीचड़ व पानी थाने के पीछे वाली सड़क की नाली पर गिर कर जाम की स्थिति बना देता है. स्थित यह है कि हरिजी के हाता में मुख्य सड़क के दोनों ओर का पानी का निकासी इसी गली से होकर थाना के बगल वाले नाले में जाता है.
नाले में गाद भरने से हुआ जाम : लोगों का कहना है कि मुख्य नाला में गाद भरने तथा उसकी गहराई कम होने की वजह से नाली के पानी का ठीक तरह से निकास नहीं हो पाता है. इसके साथ ही लोगों ने टूटी हुई नालियों की मरम्मत कर उसे स्लैब द्वारा पाटने की भी बातें कही गई किंतु आज तक यह संभव नहीं हो पाया.
मोहल्ले के लोगो को सता रहा संक्रमण का डर : ज्ञात हो कि इस संबंध में नगर परिषद को भी इमेल के द्वारा कई बार सूचित किया जा चुका है. किंतु स्वच्छता के नाम पर इसे लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है. इस मार्ग से गुजरने वाले सैकड़ों राहगीरों एवं छात्र-छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या पर जनप्रतिनिधि एवं नगर परिषद के प्रशासन दोनों मौन हैं. यह बात नगरवासियों को कांटे की तरह चुभ रही है. लोगों ने बताया कि जलजमाव और उससे निकलने वाली बदबू के कारण मच्छरों की प्रकोप बढ़ गया है, जिससे कई प्रकार की संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. मुहल्ले के लोगों ने नगर प्रशासन से गुहार लगाया है कि नगर परिषद इस समस्या पर अविलंब संज्ञान ले ताकि स्वच्छता अभियान का लोग माखौल न उड़ाएं.
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
मुहल्ले में लाइट का भी है घोर अभाव : इसी तरह से मुहल्ले में स्ट्रीट लाइट की भी समस्या है. लोग अपने दरवाजे के आगे स्वयं का बल्व न जलाएं तो पूरा हरि जी का हाता अंधेरे में डूबा रहता है. मालूम हो कि शहर की यह वीआइपी मुहल्ला हैं वीआईपी केवल कागजों में ही सिमित है. शाम ढलते ही पुरा मोहल्ला अंधेरे के आगोश में समा जाता है. हलांकि विकास व स्वच्छता के नाम पर नगर परिषद के तरफ से 90 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं फिर भी धरातल पर कहीं सफाई नहीं दीख रहा है. बगल में कुछ ही दुरी पर सीपीएस स्कूल के पास वेपर लाइट लगा है जो रात तो रात दिन के उजाले में भी बराबर जलता रहता है. दिन में भी उसे बुझाने की जरूरत नगरपरिषद नहीं समझती है. बहरहाल अब देखना यह है कि नगर परिषद इस समस्या पर कब तक संज्ञान लेता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है