22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Buxar News: डुमरांव के ऐतिहासिक मंदिर और किले उपेक्षित, नहीं मिला पर्यटन स्थल का दर्जा

डुमरांव में कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक धरोहरें स्थित हैं. यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, फिर भी इसे अब तक आधिकारिक रूप से पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल पाया है.

डुमरांव. डुमरांव में कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक धरोहरें स्थित हैं. यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, फिर भी इसे अब तक आधिकारिक रूप से पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल पाया है. यहां के बांके बिहारी मंदिर, नया भोजपुर स्थित राजा भोज का किला (नवरत्न गढ़) और नगर देवी डुमरेजनी मंदिर आदि ऐतिहासिक स्थल हैं, जो वर्षों से श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल : नगर में कई महत्वपूर्ण मंदिर स्थित हैं. छठिया पोखरा स्थित राजेश्वर मंदिर और राम जानकी मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और पौराणिकता के लिए प्रसिद्ध हैं. इनमें भगवान भास्कर और गंगा जी की प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो भक्तों की आस्था का केंद्र हैं. महरौरा शिव मंदिर, नगर पंचित काली मंदिर, जंगली नाथ शिव मंदिर और लाला टोली रोड पर स्थित राजराजेश्वर त्रिपुर सुंदरी भगवती मंदिर भी इस क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. इनमें से कई मंदिरों में समय-समय पर भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा, डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय से सटे कोपवां गांव में स्थित मां काली का भव्य मंदिर भी लोगों के बीच विशेष श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. वहीं, नया भोजपुर स्थित राजा भोज का ऐतिहासिक किला अपनी स्थापत्य कला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. यह किला भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है, लेकिन उचित देखरेख और प्रचार-प्रसार के अभाव में यह उपेक्षा का शिकार हो रहा है. पर्यटन विकास की जरूरत स्थानीय लोगों का कहना है कि इन धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के बावजूद डुमरांव को पर्यटक स्थल का दर्जा न मिलना निराशाजनक है. यदि इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर उचित स्थान मिले, तो इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और पर्यटन विभाग को इन स्थलों के विकास पर ध्यान देना चाहिए. मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण, प्रचार और बुनियादी सुविधाओं के विकास से डुमरांव को एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें