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Buxar News: देश में आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है बक्सर : डीएम

Buxar News: जिले का 35वां स्थापना दिवस काफी धूमधाम से जिला प्रशासन के नेतृत्व में मनाया गया

बक्सर.

जिले का 35वां स्थापना दिवस काफी धूमधाम से जिला प्रशासन के नेतृत्व में मनाया गया. पूरे दिन विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये. जिसके तहत सोमवार को सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ नगर के साथ ही जिले में स्वच्छता अभियान चलाकर किया गया.

वहीं समाहरणालय परिसर में केक काटकर एवं बैलून उड़ाकर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य के द्धारा जिला स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने कहा कि जिला 35वीं साल में प्रवेश कर गया है. इसको ले सभी बक्सर जिले वासियों को बक्सर जिला के 35वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि बक्सर जिला निरंतर विकास के पथ पर प्रगतिशील है. बक्सर जिले के विकास में सभी जन प्रतिनिधिगण, गणमान्य व्यक्तियों, अधिवक्ता, पदाधिकारीगण, मीडिया के बंधुगण, व्यवसायिओं, सैनिकों, खिलाड़ियों, कलाकारों एवं अन्य सभी लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है. डीएम ने बताया कि 17 मार्च 1991 में भोजपुर से अलग होकर बक्सर जिला अस्तित्व में आया था. प्राचीन काल में बक्सर को व्याघ्रसर के नाम से भी जाना जाता था. इसका एक और नाम सिद्धाश्रम है. बक्सर जिला पूरे देश में आध्यात्मिक केंद्र बिंदु के रूप में प्रसिद्ध है. बक्सर महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की शिक्षा स्थली एवं भगवान बामन का अवतार स्थली के रूप में प्रसिद्ध है. बक्सर जिला पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों से परिपूर्ण है. उन्होंने बताया कि बक्सर जिला विकास के नए मापदंडों पर निरंतर प्रगतिशील है. बिहार सरकार की कई बहुआयामी योजनाओं से बक्सर जिले को विकास की नई गति प्राप्त हुई है. मुख्यमंत्री के न्याय के साथ विकास की परिकल्पना पर जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी की सहभागिता से बक्सर जिला नई ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है. वहीं इसके तहत महत्वपूर्ण प्रतिमाओं का माल्यार्पण किया गया. इसके साथ ही मैरादन दौड़ का आयोजन किया गया. वहीं विश्वामित्र महोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. जहां नामचीन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि बक्सर की पावन व पवित्र धरती है. जिला ने कई महत्वपूर्ण उपलब्द्धियां विगत वर्षों में हासिल किया है. इसको लेकर जिले के हर तबके के लोगों का जिला प्रशासन को सहयोग मिला है. मुख्यमंत्री के न्याय के साथ विकास की परिकल्पना है उसको बक्सर ने सकार किया है. न्याय के साथ बक्सर जिले का विकास हो रहा है. आगे भी विकास की गति बनी रहेगी. इस अवसर पर समाहरणालय पार्क परिसर में जीविका दीदी, आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका द्वारा रंगोली द्वारा बनाए गए बक्सर जिले का मानचित्र का अवलोकन किया गया एवं प्रोत्साहित किया गया. उक्त अवसर पर पुलिस अधीक्षक बक्सर शुभम आर्य, अध्यक्ष जिला परिषद बक्सर, मुख्य पार्षद नगर पंचायत चौसा, अधिवक्तागण समाहरणालय के सभी पदाधिकारी, कर्मी एवं अन्य उपस्थित थे. जिला पदाधिकारी ने केक काटकर तथा बैलून उड़ा मनाया स्थापना दिवस : जिला बक्सर सोमवार को 35वे साल में प्रवेश कर गया है. जिसको लेकर जिला में कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. इस क्रम में समाहरणालय के पार्क में आयोजित कार्यक्रम में केक काटकर तथा बैलून उड़ा कर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य द्वारा 35वां बक्सर जिला स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल जिले वासियों को बधाई दी. इस दौरान अधिकारियों एवं कर्मियों में काफी उत्साह दिखा. शिविर में डीएम समेत 13 लोगों ने किया रक्तदान : इस क्रम में समाहरणालय परिसर में रेड क्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक के नेतृत्व में रक्तदान शिविर का आयोजन सोमवार को किया गया. रक्तदान शिविर में कुल 13 लोगों ने रक्तदान किया. रक्तदान शिविर का शुभारंभ जिला पदाधिकारी बक्सर अंशुल अग्रवाल द्वारा रक्तदान कर किया गया. इस दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा जिले के युवाओं को रक्तदान के प्रति प्रेरित भी किया गया. उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है. जिससे एक जरूरतमंद व्यक्ति की जान कभी भी बचाई जा सकती है. इसको देखते हुए हर युवाओं को रक्तदान के प्रति जागरूकता आवश्यक है. जिस किसी भी जरूरतमंद को रक्त संबंध कमी को पूरा कर उसकी जीवन को बचाया जा सके. डॉ दिलशाद ने केक काटकर मनाया स्थापना दिवस : जिला स्थापना दिवस पर साबित खिदमत फाउंडेशन ने केक काटा और काफी संख्या में नगर के साथ ही जिले में पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर डॉ. दिलशाद आलम ने कहा कि 17 मार्च 1991 में जिला की स्थापना हो गई थी. जिसे बक्सर वासियों ने मिलकर पाई थी. उसी के उपलक्ष्य में पौधों का रोपड़ करके बक्सर को हरा भरा करने का अलख जगाना है.उन्होंने कहा कि बक्सर जिले को भोजपुर से अलग करने में लगभग कई बार बक्सर को बंद भी करना पड़ा था. यहां के नवरत्न गढ़ किला से लेकर चौसा के मैदान कटकौली के मैदान और 1764 के युद्ध को याद करना चाहिए. बक्सर के स्वर्णिम इतिहास में महर्षि विश्वामित्र से लेकर राम लक्ष्मण की शिक्षा स्थली रही है. जिससे भुलाया नहीं जा सकता. विश्वामित्र की तपोभूमि होने के साथ यह गंगा जमुना तहजीब भी देखी जाती है. मौके पर इम्तियाज अंसारी, रोशन कुमार, रुखसाना आयोग, फिरदौस नूर, सभा सजदा, रजिया, कविता, श्वेता, शीला, निराशा, राजमणि, विनीता, खुशी, सुमित, सोनम कुमारी, साबित रोहतस्वी सहित अनेकों लोग मौजूद थे.

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